क्या खत्म हो जायेगी? नेतरहाट की नैसर्गिक सुदंरता
मनोज कुमार शर्मा झारखंड पहाडि़यों की रानी नेतरहाट जो अपनी रमणिक एंद्रजालिक खुबसूरती के लिये जानी जाती थी अब उसका तेजी से क्षरण हो रहा है। कभी अपने देश के सबसे उत्कृष्ट आवासीय विद्यालय, ऊंची […]
मनोज कुमार शर्मा झारखंड पहाडि़यों की रानी नेतरहाट जो अपनी रमणिक एंद्रजालिक खुबसूरती के लिये जानी जाती थी अब उसका तेजी से क्षरण हो रहा है। कभी अपने देश के सबसे उत्कृष्ट आवासीय विद्यालय, ऊंची […]
प्रतिमा प्रिया यूजी इंटर्न स्कूल आफ मास कम्युनिकेशन रांची युनिवर्सिटी ,रांची 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस “भूमि बहाली, मरुस्थलीकरण और सूखा सहनशीलता” (Land Restoration, Desertification And Drought Resilience\)विषय के साथ मनाया जा रहा है। […]
अजय मुंडा, पीजी इंटर्न ,स्कूल ऑफ मास कम्युनिकेशन रांची विश्वविद्यालय,रांची उरीमारी, मई 2024 :दामोदर नदी जिसे देवनद भी कहा गया है ।झारखंड के लातेहार जिले से निकल कर झारखंड बंगाल होते हुये यह हुगली नदी […]
बिपुल कुमार तिवारी पीजी इंटर्न,स्कूल ऑफ मास कम्युनिकेशन, रांची विश्वविद्यालय, रांची रांची जिले में इस गर्मी गंभीर जल संकट देखने को मिल रहे हैं। क्योंकि ग्राउंड वाटर लेबल 40 मीटर से भी ज्यादा नीचे गिर […]
बिपुल कुमार तिवारी पीजी इंटर्न, स्कूल ऑफ मास कम्युनिकेशन रांची विश्वविद्यालय,रांची बुढ़मू प्रखंड क्षेत्र में इन दिनों वन माफियाओ के द्वारा प्रतिदिन 100 से अधिक पेड़ो की कटाई अंधाधुंध तरीके से की जा रही है। […]
अमित कुमार महताे पीजी इंटर्न, स्कूल ऑफ मास कम्युनिकेशन रांची विश्वविद्यालय, रांची देश के कुछ हिस्सों में प्रचंड गर्मी से लोगो का हाल बेहाल है। हर साल उत्तरोत्तर बढ़ती गर्मी अपना ही रिकॉर्ड तोड़ती जा […]
विश्वजीत मरांडी पीजी इंटर्न, स्कूल ऑफ मास कम्युनिकेशन रांची विश्वविद्यालय, रांची राजमहल पहाड़ियों की स्थिति औद्योगिक शोषण के सामने स्वदेशी समुदायों के सामने आने वाली चुनौतियों का एक ज्वलंत उदाहरण प्रस्तुत करती है। साहिबगंज कॉलेज […]
इन्नोसेंट बेंग पीजी इंटर्न, स्कूल आफ मास कम्युनिकेशन रांची विश्वविद्यालय, रांची रांची, झारखंड – रांची शहर वर्तमान में एक तीव्र हीटवेव का सामना कर रहा है, जहां तापमान अभूतपूर्व स्तर तक बढ़ गया है। मौसम […]
आदिवासी बाहुल्य राज्य झारखंड में खाए जाने वाला फुटकल साग औषधिक गुणों से परिपूर्ण है.यह लगभग झारखंड के हर क्षेत्र में पाया जाता हैं। इसका वैज्ञानिक नाम फिकस जेनीकुलाटा है,इसे आदिवासी लोग नियमित तौर पर […]
यूं तो लोग अपने घर-जमीन को छोड़कर नगर में कमाने- खाने जाते हैं,किसान भी यही चाहता कि उनका बेटा पढ़ाई लिखाई करके नौकरी करें क्योंकि उन्हें खेती से लाभ नहीं मिलती.लेकिन कोविड महामारी ने यह […]