पूणे से रांची आकर 20 एकड़ क्षेत्र में फलों की खेती कर रहे ऑर्गेनिक खेती….

झारखंड को फल के क्षेत्र में आत्म-निर्भर बनाना है सपना

रीतु लाकड़ा

पीजी इंटर्न, स्कूल आफ मास कम्युनिकेशन

रांची विश्वविद्यालय, रांची

रांची: पूणे के निलेष रासकर वर्ष 2017 से राजभवन में उद्यान सहयोगी के रूप में काम कर रहे थे और अब उद्यान प्रभारी बना दिए गए है। निलेष राजभवन के उद्यान से लेकर किचन गार्डेन में राज्यपाल के खाने के लिए सब्जी, फल सब उगाते है। ऑर्गेनिक फार्मिंग में डिप्लोमा करने के बाद पूणे में खुद खाइए खुद उगाइए कांसेप्ट के साथ काम कर किचन गार्डेन की शुरूआत की। उसी समय राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को राजभवन में ऑर्गेनिक फार्मिंग करने के लिए लोग चाहिए थे। जिसके लिए निलेष के कॉलेज से 4 लड़को को रांची भेजा गया जिसमें निलेष का सलेक्शन हुआ। तब से निलेष यहां काम कर रहे है।

राजभवन में काम करने के साथ निलेष ने वर्ष 2022 में अपनी खुद की फार्म खड़ी की। जहां कई तरह के फलों को ऑर्गेनिक तरीके से उगाया जाता है। निलेष खूंटी सिमडेगा रोड स्थित मृदा फार्म में ड्रैगन फ्रूट, पाइन एप्पल, अमरूद, चीकू, आम, शरीफा, अवोकाडो, नींबू, पपीता, स्ट्रॉबेरी के अलावा कई तरह के फल उगा रहे है। पूरे 20 एकड़ क्षेत्र में फैले फार्म में अभी अमरूद कल्टीवेट किया जा रहा है। हर दिन लगभग हजार किलो अमरुद रांची के अलग-अलग बाजारों में भेजा जा रहा है। लोग फार्म से ही फलों को ले जाते है। इस फार्म में दिन-रात 11 मजदूर काम करते है। इसके अलावा हारवेस्टिंग के समय में मजदूरों की संख्या बढ़ानी पड़ती है। खूंटी के अलावा कोकर इंडस्ट्रीयल एरिया में 3 एकड़ और नगड़ी में 6 एकड़ में इनका फार्म फैला हुआ है। नगड़ी स्थित फार्म का उद्घाटन 2 जून को किया गया।
निलेश बताते है कि उनका सपना झारखंड को फल के क्षेत्र में आत्म-निर्भर बनाना है। यहां फ्रूट फार्मिंग को बढ़ावा देना है। झारखंड में कहीं बाहर से फल आयात करने की जरूरत न पड़े इसके लिए प्रयार कर रहे है। साथ ही नंदी एग्रो में इनके अंडर 13 स्टूडेंट्स इंटर्नशिप भी कर रहे है।

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