बिपुल कुमार तिवारी
पीजी इंटर्न,स्कूल ऑफ मास कम्युनिकेशन,
रांची विश्वविद्यालय, रांची
रांची जिले में इस गर्मी गंभीर जल संकट देखने को मिल रहे हैं। क्योंकि ग्राउंड वाटर लेबल 40 मीटर से भी ज्यादा नीचे गिर गया है। रांची जिले के 51 गांवों में ग्राउंड वाटर लेवल 250 से 300 फीट और 4 गांवों में 300 फीट से भी ज्यादा नीचे चला गया है। मानसून में पर्याप्त बारिश के बाद भी अप्रैल के मध्य से ही पहली बार ऐसी स्थिति बनी है। पीएचई के मुताबिक सामान्य स्थिति में जिले में ग्राउंड वाटर का लेवल औसतन 20 से 22 मीटर यानि करीब 65 से 70 फीट पर होता है। बारिश के बाद जनवरी में इस बार भी इसी लेवल पर पानी मिल रहा था। अब कई हिस्से में यह 80 मीटर से ज्यादा गिर गया है। जबकि अन्य इलाकों में यह 60 से 70 मीटर तक पहुंच गया है। बुढ़मू ब्लाक में स्थिति सबसे खराब है। यहां 4 गांवों में ग्राउंड वाटर लेवल 300 फीट से नीचे चला गया है। वहीं 20 गांवों में यह 250 से 300 फीट के बीच है। पीएचई ने भी गर्मी के मद्देनजर पेयजल संकट की संभावना वाले गांवों को चिन्हित भी किया है।
300 फीट में नीचे नहीं मिल रहा पानी
सर्वे के मुताबिक गांवों में पहले की तुलना में इस बार भू.जल स्तर में तेजी से गिरावट आई है। ठाकुरगांव,डांडिया गांव के कई इलाके ऐसे भी हैं जहां लेबल 300 फीट से नीचे पहुंच गया है। इन इलाकों के 102 से ज्यादा हैंडपम्प डेड हो गए हैं।भू जल स्तर का इस तरह नीचे गिरना वाकई काफी हैरानीप्रद बात है। अगर लोग अब भी पानी की संचय नहीं करेंगे व पर्यावरण के प्रति जागरूक नहीं होंगे तो वो दिन दूर नहीं जब लोग पानी के अभाव में अपना जीवन व्यतीत करेंगे।