हमारे किसानों को प्रमाणित  बीज और  पौधे उपलब्‍ध  हों: डॉ. अजीत कुमार सिन्‍हा

कृषि वानिकी नर्सरी के लिये प्रमाणीकरण और प्रत्‍यायन पर रांची विश्‍वविद्यालय में कार्यशाला

प्रियंका सिंह

रांची : 18 नवंबर 2024 को रांची विश्‍वविद्यालय के स्‍कूल ऑफ मास कॉम सभागार में कृषि वानिकी नर्सरी विषय पर एक महत्‍वपूर्ण कार्यशाला ” Nursery Acredition Protocol of Agroforestry ” का आयोजन किया गया। यह कार्यशाला रांची विश्‍वविद्यालय के आइक्‍यूएसी, फूड एंड एग्रीकल्‍चर ऑर्गेनाइजेशन संयुक्‍तराष्‍ट्र संघ, कृषि एवं किसान कल्‍याण मंत्रालय के द्वारा संयुक्‍त रूप से आयोजित किया गया। कार्यशाला में कुलपति रांची विश्‍वविद्यालय प्रो.डॉ. अजीत कुमार सिन्‍हा, पूर्व पीसीसीएफ ए.के. रस्‍तोगी,  आर. ओखंडियार , एफएओ के वरिष्‍ठ नीति सलाहकार आर.बी. सिन्‍हा कृषि विश्‍वविद्यालयों के वैज्ञानिक, रांची विश्‍वविद्यालय के स्‍टेक होल्‍डर्स, रीसर्च स्‍कॉलर तथा राज्‍य के किसान भी शामिल  हुये।

कुलपति रांची विश्‍वविद्यालय डॉ. अजीत कुमार सिन्‍हां जो स्‍वयं भी एक वैज्ञानिक हैं ने कहा कि, पहली बार कृषि वानिकी तथा नर्सरी विषय पर रांची विश्‍वविद्यालय में इतने महत्‍वपूर्ण विषय पर कार्यशाला का आयोजन एक बड़ा प्रयास है । यह आवश्‍यक है कि हमारे किसान और वानिकी से जुड़े लोगों को उत्‍तम बीज एवं पौधों की जानकारी प्राप्‍त हो , वह कहां से आ रहा है, उसकी उपज और पैदावार कैसी है? इन बातों की जानकारी का अब तक अभाव रहा है और इसके कारण किसानों को पर्याप्‍त लाभ नहीं मिल  पाता है । आज आवश्‍यकता है कि इस तरह के कार्यशाला और प्रयासों से हम अच्‍छे उन्‍न्‍त बीजों, पौधों की जानकारी अपने किसानों तक पहुंचायें और उसे उपलब्‍ध करायें। बीजों का जांच परख के बाद सर्टिफाई होना  आवश्‍यक है, साथ हमें पौधों एवं बीजों में होने वाले रोग एवं उनके निवारण की पूरी जानकारी होनी चाहिये। बीजों यहां तक कि नर्सरी का सर्टिफिकेशन जरूरी है। साथ ही बीजों पौधों का लिंकेज को तैयार करना होगा।

मुख्‍य अतिथि चेयरमैन टास्‍कफोर्स जस्‍ट सस्‍टेनेबल ए.के. रस्‍तोगी ने कहा कि झारखंड में 30 प्रतिशत से ज्‍यादा वन हैं पर जीडीपी में हमारा योगदान कम है। हमें इसे बढाना होगा। झारखंड के 18 जिलों के सर्वे में मैने ये पाया है कि समुचित प्रयास करने पर कृषि वानिकी का योगदान जीडीपी में बढेगा। वहीं आरबी सिन्‍हा ने ऐसे कार्यशाला के आयोजन को आज की आवश्‍यकता बनाया, ताकी कृषि वानिकी से जुड़े लोगों तक सही बीज एवं पौधे पहुंचें।   इस कार्यशाला के आर ओखंडियार तथा डा. दुष्यंत गहलोत (असिस्टेंट कमिश्नर, भारत सरकार)ने स्‍लाइड शो के द्वारा कृषि वानिकी नर्सरी के बारे में विस्‍तार से बताया। झारखंड, बिहार, उड़ीसा, तथा वेस्‍ट बंगाल के प्रमुख पौधों के बारे में जानकारी दी।

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