दामोदर नदी में बालू चोरी से  संकट में  है झारखंड की यह देवनद 

अजय मुंडा,

पीजी इंटर्न ,स्‍कूल ऑफ मास कम्‍युनिकेशन

रांची विश्‍वविद्यालय,रांची

उरीमारी, मई 2024 :दामोदर नदी जिसे देवनद भी कहा गया है ।झारखंड के लातेहार जिले  से निकल कर झारखंड बंगाल  होते हुये यह हुगली नदी में मिल कर उसके साथ समुद्र मेंमिलती है।यह नदी कभी अपने स्वच्छ जल और प्राकृतिक सौंदर्य के लिए प्रसिद्ध रहा है सदियों से स्थानीय निवासियों के जीवन का हिस्सा रही है। लेकिन हाल के कुछ वर्षों में, अवैध बालू खनन ने इस नदी को बुरी तरह प्रभावित किया है। खनन माफिया रात के अंधेरे में बालू की चोरी कर रहे हैं, जिससे नदी का तल धीरे-धीरे खाली हो रहा है। बालू चोरी के चलते जल स्रोतों में भारी कमी हो रही है। यह समस्या न केवल पर्यावरण को नुकसान पहुंचा रही है, बल्कि स्थानीय लोगों के जीवन को भी गंभीर रूप से प्रभावित कर रही है।

ग्रामीण निवासी बताते है की, पहले हमारी नदी साफ-सुथरी और गहरी थी। लेकिन अब, बालू की चोरी के कारण यह जगह-जगह सूख गई है। पानी की मात्रा कम हो गई है और नदी का तल काफी नीचे चला गया है। बालू की चोरी से न केवल नदी का जलस्तर गिर रहा है, बल्कि इससे आसपास के जल स्रोतों पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है। जल स्रोतों में कमी होने के कारण खेती और पशुपालन पर भी बुरा असर पड़ रहा है। किसानों को सिंचाई के लिए पानी नहीं मिल पा रहा है और पशुओं के लिए भी पानी की कमी हो गई है। पोडा, उरीमारी चेकपोस्ट एवं स्याल के निवासी बताते है की वो पहले नदी का पानी पीने, नहाने एवं कपडे धोने के लिए उपयोग में लाया करते थे। लेकिन अब पानी इतना कम हो गया है कि हमें दूसरे स्रोत ढूंढने पड़ रहे हैं, जो कि बहुत महंगा और मुश्किल है।

स्थानीय निवासियों द्वारा कई बार इस मुद्दे को प्रशासन के सामने रखा है, लेकिन अभी तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है। स्थानीय सामाजिक कार्यकर्ता, बताते हैं, उन्होने कई बार प्रशासन को बालू चोरी की जानकारी दी है, लेकिन कोई भी कदम नहीं उठाया गया। रात में ट्रक बालू भरकर ले जाते हैं और कोई उन्हें रोकने वाला नहीं है।

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