झारखंड जैव विविधता पर्षद बीएयू , भारतीय वनस्‍पति सर्वेक्षण तथा भारतीय प्राणी सर्वेक्षण के साथ मिल कर बचायेगा झारखंड की जैव विविधता

:::संवाददाता:::

  • अधिनियम 2002,2003 (संशोधन) के क्रियान्वयन के लिये  ZSI, BSI & BAU के साथ हुई बैठक
  • झारखण्ड की जैव विविधता के अध्ययन और सर्वेक्षण और गणना का हुआ निर्णय
  • जैव विविधता संरक्षण के लिये इन सीटू, एक्स सीटू, जीन बैंक, जीन पूल, सीड बैंक की होगी पुनर्स्थापना

रांची:  झारखण्ड जैव विविधता पर्षद के सदस्य सचिव सह मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी संजीव कुमार ने विडियो कांफ्रेसिंग (VC) के माध्यम से डॉ सुधांशु शेखर दास, वरिष्ट वैज्ञानिक तकनीकी , भारतीय वनस्पति सर्वेक्षण, कोलकाता , डॉ अनिल कुमार राठी , क्षेत्रीय निर्देशक, भारतीय प्राणी सर्वेक्षण, पटना  एवं डॉ एस. सी. दुबे, कुलपति, बिरसा कृषि विश्वविद्यालय, राँची के चर्चा की। ताकि झारखण्ड की जैव विविधता के अध्ययन और सर्वेक्षण कर किस तरह से यहां की जैव विविधता को संरक्षित किया जाये ।  इस बैठक का मुख्य उद्देश्य अध्ययन, शोध, सर्वेक्षण, जर्म-प्लास्म बैंक, और सभी प्रकार की वनस्पतियों और जीवों, एग्रो-बायोडायवर्सिटी, जैव संसाधनों की गणना, मूल्यांकन,  उपयोग, व्यापार आदि के संरक्षण की वर्तमान स्थिति और राज्य में अनुपस्थित परागणकर्ताओं का विश्लेषण करना था। ।

भारतीय वनस्पति सर्वेक्षण, भारतीय प्राणी सर्वेक्षण एवं बिरसा कृषि विश्वविद्यालय, के विशेषज्ञों के द्द्वारा संयुक्त रूप से से विद्यार्थियों एवं समिति सदस्यों को वर्गीकरण विज्ञान (para-taxonomy), agrobiodiversity पर प्रशिक्षण देने पर सहमति बनी। साथ ही जन जैव विविधता पंजी को अपडेट करने , उपलब्ध जैव विविधता का अध्यनन और दस्तावेजीकरण करने पर सहमती प्रदान की गई। झारखण्ड में जैव विविधता विरासत स्थल को  चिन्हित करने के लिये सभी संस्थानों द्वारा योजनावद्ध तरीके से काम करने का निर्णय लिया गया।  राज्‍य के जैव विविधता संरक्षण के लिये इन सीटू, एक्स सीटू, जीन बैंक, जीन पूल, सीड बैंक की पुनर्स्थापना पर भी सहमती बनी।

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