फुटकल साग औषधिक गुणों से परिपूर्ण
आदिवासी बाहुल्य राज्य झारखंड में खाए जाने वाला फुटकल साग औषधिक गुणों से परिपूर्ण है.यह लगभग झारखंड के हर क्षेत्र में पाया जाता हैं। इसका वैज्ञानिक नाम फिकस जेनीकुलाटा है,इसे आदिवासी लोग नियमित तौर पर […]
आदिवासी बाहुल्य राज्य झारखंड में खाए जाने वाला फुटकल साग औषधिक गुणों से परिपूर्ण है.यह लगभग झारखंड के हर क्षेत्र में पाया जाता हैं। इसका वैज्ञानिक नाम फिकस जेनीकुलाटा है,इसे आदिवासी लोग नियमित तौर पर […]
मो. इरशाद पीजी इंटर्न, स्कूलआफ मास कम्युनिकेशन रांची विश्वविद्यालय, रांची सिमडेगा जिला मुख्यालय में शहर से महज तीन किलोमीटर की दूरी पर मनोरम पर्यटन स्थल है केलघाग। छिंदा नदी पर बांध बनाए जाने से बनी […]
इन्नोसेंट बेंग पीजी इंटर्न, स्कूल आफ मास कम्युनिकेशन रांची विश्वविद्यालय, रांची बाओबाब का पेड़ जो भारत में कल्पतरु के नाम से मशहूर है और अपने अनूठे और विशाल तने के लिए भी जाना जाता […]
:::पूनम कुमारी::: प्राकृतिक सौंदर्य से परिपूर्ण झारखंड का दूसरा सर्वाधिक ऊंचाई से गिरने वाला जलप्रपात “हुंडरू जलप्रपात” है या करीब 320 फीट की ऊंचाई से गिरता है और विगत 50 वर्षों से सिकीदिरी में पनबिजली […]
योगेश कुमार गोयल ब्रह्माण्ड के प्रथम दिव्य पत्रकार नारद मुनि की जयंती इस साल छह मई को है। वो लोकमंगल के पहले संवाददाता है। इसलिए वो देवर्षि हैं। यह कितना कष्टदायी है कि तात्कालीन हास्य […]
5500 से अधिक धावकों ने लिया हिस्सा 26 मार्च को बिरसा मुण्डा स्टेडियम, मोराबादी, रांची में कोल इंडिया लिमिटेड के तत्वावधान में सीसीएल द्वारा अविस्मरणीय एवं ऐतिहासिक ‘कोल इंडिया मैराथन’ का सफलतापूवर्क आयोजन किया गया। […]
रांची में 26 मार्च को कोल इंडिया मैराथन, 29.27 लाख होगी पुरस्कार राशि लोगों को इस मैराथन दौड़ के प्रति उत्साहित करने एवं भाग लेने के लिये रविवार 19 मार्च को दरभंगा हाउस से मैराथन […]
रांची संवाददाता : उदय कांत कुजूर रूगाडा झारखंड के जंगलों में साल के पेड के आसपास पहले मानसून की शुरूआात शुरूआत पर स्वाभाविक रूपा से अच्छी तरह से बढ़ता हैं1 यह मानसून के समय बादल […]
Publish by: Ravikant Mishra सिमडेगा: एक वक्त था कि सिमडेगा के भेलवाडीह और क्रुसकेला आदि क्षेत्र सिमडेगा के अति उग्रवाद प्रभावित क्षेत्र माने जाते थे। दिन के उजाले में भी ये जगहे भयावह हुआ करती […]
शीनम महाभारत काल में भी झारखंड से संबंधित कुछ तथ्य मिलते हैं। कहते हैं यह क्षेत्र तब के मगध शासक जरांसध के अधीन था और इसे वार्त्य प्रदेश कहते थे। और यहां के किसी कारागार […]