मो. इरशाद
पीजी इंटर्न, स्कूलआफ मास कम्युनिकेशन
रांची विश्वविद्यालय, रांची
सिमडेगा जिला मुख्यालय में शहर से महज तीन किलोमीटर की दूरी पर मनोरम पर्यटन स्थल है केलघाग। छिंदा नदी पर बांध बनाए जाने से बनी विशाल और खूबसूरत झील और इसके दोनो ओर बड़े तथा हरियाली युक्त पहाड़ सैलानियों को आकर्षित करते है । 80 के दशक में छिड़ा नदी पर डैम बनाया गया था । निकटवर्ती गांवों तक नहर से पानी पहुंचा कर सिंचाई और शहर में जलापूर्ति करने के उद्देश से बनाए गए डैम से जनता को करीब साढ़े चार दशक से लाभ मिल रहा है ।
साथ ही इस स्थान की सुंदर छंटा के कारण इतने समय से यह स्थान जिले का प्रमुख पर्यटन स्थल बना हुआ है । यहां जिले के अलावा निकटवर्ती राज्यों से भी घूमने फिरने के शौकीन पहुंचते है । पहली जनवरी को हर साल यहां बहुत भीड़ उमड़ती है । मेले सा दृश्य रहता है । केलाघाग डैम की खूबसूरती सिमडेगा जिला को पर्यटन के मानचित्र पर बहुत ऊपर तक ले जाती है जिले में आने वाले लोग एक बार केलाघग डैम जरूर आना चाहते है ।
श्रद्धा का केन्द्र: केलाघाग डैम के पास कई मंदिर जहां भक्तो की होती हैं भीड़
केलाघाग डैम के मुहाने पर लोगो की आस्था को देखते हुए उनके पूजा अर्चना के लिए कई मंदिर भी बनाए गए है । डैम के मुहाने पर भगवान शिव और बजरंबली के मंदिर के अलावा सुर्य मंदिर एवं अन्य देवी देवताओं के मंदिर है डैम घूमने आए पर्यटक अपनी श्रद्धानुसार इन मंदिरों में अपना माथा टेकते है ।
यहां मोटरबोट और रेस्टोरेंट की शुरूवात सैलानियों को मनोरंजन और सुविधा के लिए स्टार्ट किया गया था परंतु होटल संचालक ने निम्न अवधी में होटल को बंद कर दिया । वही दूसरी तरफ कई मोटर बोट में खराबी और कई कारणों से उसे भी बंद कर दिया गया है जिससे आगंतुकों को खाने पीने और बोटिंग का लुत्फ उठाने से वंचित होना पड़ा रहा है।