जारी है झारखंड के प्रसिद्ध हुंडरू जलप्रपात के साथ पर्यटकों का दुर्व्‍यवहार

:::पूनम कुमारी::: 

प्राकृतिक सौंदर्य से परिपूर्ण झारखंड का दूसरा सर्वाधिक ऊंचाई से गिरने वाला जलप्रपात “हुंडरू जलप्रपात” है या करीब 320 फीट की ऊंचाई से गिरता है और विगत 50 वर्षों से सिकीदिरी में पनबिजली का उत्पादन किया जा रहा है। औसतन 100 मेगावाट पनबिजली इस परियोजना से पैदा होती है।वर्षा के दिनों में इस जलप्रपात की धारा मोटी हो जाती है वहीं गर्मियों में यह सामान्य तौर पर कम हो जाती है।
इतनी सुंदरता से भरे जलप्रपात में देश विदेश के पर्यटक अत्यधिक मात्रा में आते हैं,पहले से ज्यादा विकसित होने के कारण यहां के लोगों की जीविका तो चल रही है, परंतु प्राकृतिक सौंदर्य का विनाश भी हो रहा है.यहां अक्टूबर से जनवरी के बीच में अधिक मात्रा में लोग पिकनिक मनाने आते हैं और सारा गंदगी फैला कर चले जाते हैं। प्लास्टिक, कचरा,बचा हुआ खाना, इत्यादि उस पानी एवं जमीन पर छोड़ जाते हैं, जिससे वह पानी और जगह दोनों दूषित होता हैं, यहां तक कि जलीय जीव भी इससे प्रभावित होते है. जगह-जगह पर चट्टानों में सावधानी और चेतावनी लिखने के बाद भी लोग कचरा करके चले जाते हैं,वहां स्थानीय लोगों के बोलने के बावजूद भी वहां आने वाले लोग नहीं मानते।और गंदगी करने में कोई कसर नहीं छोड़ते है।अगर उन्हें जायदा बोला जाए तो मार पीट पर उतारू हो जाते हैं। आजकल तो लोग कभी भी कोई पार्टी एवं घूमने के लिए जलप्रपात आते हैं, और शराब का सेवन कर शराब की बोतल को कूड़े में ना डालकर वहां के चट्टानों पर ही फोड़ देते हैं जिसका नतीजा यह होता है कि जो पर्यटक यहां ट्रेकिंग,और नहाने का मजा लेना चाहते हैं,उनके पैरों में कांच चुभ जाती है, और वह घायल हो जाते हैं।

पर्यावरण को बचाना उसे संजो कर रखना हर एक व्यक्ति का दायित्व बनता है, किसी भी प्राकृतिक जगह को हमें दूषित नहीं करना चाहिए,ताकि हम प्रकृति से जितना लेते है, उसे वापस भी कर सके।

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