RADHA RAMAN 
देश के कई राज्यों में कफ सिरप से बच्चों की मौत के बाद भी राजधानी रांची में स्वास्थ्य विभाग बेफिक्र है। यहां पर मेडिकल स्टोर पर अब भी बिना चिकित्सक के पर्चे के लोगों को कफ सिरप दिए जा रहे, हैं तो कई जगहों पर चिकित्सकों द्वारा लिखे गए सीरप की जगह दूसरी कंपनी के सिरप पकड़ाए जा रहे हैं।
रविवार को दैनिक जागरण ने इस मामले में आधा दर्जन मेडिकल स्टोर को चेक किया तो यह लापरवाही दिखाई दी। साथ ही लोग भी इसे लेकर जागरूक होते नहीं दिखाई दिए।
बच्चों के बीमार होने पर लोग मेडिकल स्टोर पर जाकर सोधे दवाएं लेते दिखाई दिए। इसमें सर्दी, जुकाम और बुखार की दवाएं प्रमुख थी।
मौसम के बाद अधिकांश लोग जुकाम से कफ जमने की शिकायत कर दवाएं ले रहे थे। ऐसे में यहां पर भी मेडिकल संचालक अपने मनमुताबिक कंपनी की दवाएं दे रहे थे।
छोटे बच्चों के लिए विशेष रूप से सावधानी जरूरी है। छह साल से कम उम्र के बच्चों को कफ सिरप देने से पहले डॉक्टर की सलाह लेना अनिवार्य है। कई बार बाजार में मिलने वाली कफ सिरप में ऐसे तत्व होते हैं जो बच्चों के लिए हानिकारक हो सकते हैं, जैसे सेडेटिव्स या अल्कोहल बेस्ड तत्व। यदि किसी वजह से सिरप लेनी भी पड़े, तो यह देखना चाहिए कि वह पीडियाट्रिक (बच्चों के लिए बनी) है, उसकी डोजिग स्पष्ट है, और उसमें किसी भी तरह का हानिकारक केमिकल नहीं है लेकिन फिर भी सलाह यही है कि डॉक्टर के बिना सलाह कोई सिरप न दी जाए। – डॉ. संजय सिंह, प्रोफेसर, मेडिसिन रिम्स
