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झारखंड जैव विविधता पर्षद ने विश्व वानिकी दिवस पर किया कार्यशाला का आयोजन
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रांची के दाहु ग्राम के ग्रामीणों को बांस तथा उसके हस्तशिल्प को रोजगारपरक बनाने के लिये सम्मानित किया गया।
:::संवाददाता:::
रांची : 21मार्च 025 को झारखंड जैव विविधता पर्षद, रांची ने विश्व वानिकी दिवस पर एक का कार्यशाला का आयोजन पलाश भवन डोरंडा में संपन्न हुआ। इस कार्यक्रम में जिला के विभिन्न जैव विविधता प्रबंधन समिति मुखिया उपमुखिया तथा छात्र शामिल हुए ।
PCCF सह सदस्य सचिव संजीव कुमार ने सभी को विश्व वानिकी दिवस की शुभकामनायें दी। उन्होंने वानिकी में उपलब्ध जैव विविधता से अपनी जीवन यापन हेतु रोजगार में रुचि लाने जागरूक होने की अपील की और पर्षद से हर तरह के सहयोग का आश्वाशन दिया । वनों का खाद्य पदार्थ में — कंद , लता , फल तथा उनके होने से कृषि जनित अनाजों के क्या फ़ायदे हैं, इस पर विचार विमर्श किया गया । वनों तथा जैव विविधता का जीविकोपार्जन में सीधा संबंध है , इस पर गोष्ठी हुई । इस कार्यशाला में बताया गया कि तसर, लाह, बांस, जड़ी -बूटी के क्षेत्र में बृहत रूप से जीवकोपार्जन विकसित किया जा सकता है उसकी विस्तृत जानकारी प्रदान की गयी साथ ही बताया गया कि आज राज्य में तसर जो दुमका गिरिडीह में सिमट कर रह गए है और विलुप्त हो रहे है उसे विकसित कर जीवकोपार्जन का अच्छा माध्यम बनाया जा सकता है। सारंडा में उपलब्ध तसर विश्व का सबसे बड़ा श्रोत है और वहां की आदिवासी महिलायें उसकी खेती कर लाखों रुपए अर्जन कर रहे हैं।
इस आयोजन में बांस की खेती एवं हस्तशिल्प के क्षेत्र में अपने पंचायत के लोगो को जागृत करने और रोजगारपरक बनाने के लिये रांची के दाहु ग्राम के महावीर महली , तेजनारायण गंजू, रमेश चन्द्र कुम्हार, जहान परवीन, नीतू तिर्की, अनीता तिर्की , अरूण कुमार महली, दिनेश तिग्गा, आकाश कुमार महतो, उम्मे अम्मारा, मनीषा शंकर को पर्षद द्वारा सम्मानित किया गया कार्यशाला में समिति के सदस्यों ने सदस्य सचिव की इस पहल की स्वागत किया और वो भविष्य में जैव विविधता की संरक्षण के साथ अपनी जीवन को खुशहाल बनाने में अपना योगदान देने की बात कही ।