Bihar Election 2025: पटना में आज झामुमो और RJD की सीट शेयरिंग पर अहम बैठक होगी। झामुमो ने बिहार की 7 सीमावर्ती सीटों पर दावा ठोका है।
प्रशांत कुमार झा
राची: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 को लेकर झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के बीच सीट शेयरिंग पर आज पटना में अहम बैठक होगी। यह बैठक तेजस्वी यादव के आवास पर आयोजित की जाएगी।
झामुमो की ओर से राज्य मंत्री सुदिव्य कुमार और पार्टी के महासचिव विनोद कुमार पांडेय को बैठक के लिए अधिकृत किया गया है। दोनों नेता मंगलवार की सुबह पटना के लिए रवाना हो चुके हैं और शाम में तेजस्वी यादव के साथ सीट बंटवारे पर चर्चा करेंगे।
बैठक में जो भी निर्णय होगा, उसकी पूरी जानकारी मुख्यमंत्री एवं पार्टी के केंद्रीय अध्यक्ष हेमंत सोरेन को दी जाएगी। इसके बाद पार्टी अपनी आगे की रणनीति सार्वजनिक करेगी।
Key Highlights:
पटना में आज झामुमो और राजद नेताओं की सीट शेयरिंग पर अहम बैठक
बैठक तेजस्वी यादव के आवास पर होगी, हेमंत सोरेन को दी जाएगी रिपोर्ट
झामुमो ने बिहार की 7 सीमावर्ती सीटों पर दावा किया
पार्टी को 2 से 4 सीट मिलने की संभावना
झारखंड में लगातार दूसरी बार सरकार बना चुकी है झामुमो
सूत्रों के अनुसार, झामुमो ने बिहार के सीमावर्ती जिलों की 7 सीटों — बांका, कटोरिया, चकाई, तारापुर, मनिहारी, पूर्णिया और धमदाहा पर दावा किया है। इनमें पार्टी को 2 से 4 सीटें मिलने की संभावना जताई जा रही है।
2010 में झामुमो ने जीती थी एक सीट
झारखंड अलग राज्य बनने के बाद भी झामुमो ने बिहार की राजनीति से दूरी नहीं बनाई। वर्ष 2010 के विधानसभा चुनाव में झामुमो ने बिहार की 41 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे और एक सीट पर जीत दर्ज की थी। हालांकि, जीते हुए विधायक ने दो महीने बाद जदयू का दामन थाम लिया था।
झारखंड में लगातार मजबूत हुआ झामुमो का जनाधार
झारखंड की राजनीति में झामुमो ने लगातार अपनी स्थिति मजबूत की है।
2009 में पार्टी के 18 विधायक जीते,
2014 में यह संख्या 19 तक पहुंची,
2019 में झामुमो ने 30 सीटें जीतकर महागठबंधन की सरकार बनाई,
और 2024 के चुनाव में 34 विधायक चुनकर आए, जिससे हेमंत सोरेन के नेतृत्व में फिर से सरकार बनी।
झामुमो का जनाधार और महागठबंधन की प्राथमिकता
झामुमो महासचिव विनोद पांडेय ने कहा —
“बिहार में झामुमो इंडिया गठबंधन का हिस्सा होगा, यह तय है। कितनी सीटें हमने मांगी हैं और कितनी मिलेंगी, यह मीडिया की अटकलें हैं। 7 अक्टूबर की बैठक के बाद स्थिति स्पष्ट होगी। झामुमो का बिहार में, खासकर सीमावर्ती इलाकों में मजबूत जनाधार है। बिहार से डबल इंजन की सरकार को हटाना ही महागठबंधन की प्राथमिकता है।”
