रांची: हमारे दैनिक जीवन में बांस की उपयोगिता से हम सब भली भांति वाकिफ है। बांस का उपयोग बड़े पैमाने पर मकान बनाने के लिए किया जाता है साथ ही बांस से तरह-तरह के घरेलू सामान जैसे टोकरी सूप आदि भी बनाया जाता है। अब तो बांस से तरह-तरह के फर्नीचर और सजावट की चीजें भी बनाई जाने लगी है जोकि इको फ्रेंडली होने के साथ-साथ हैंडीक्राफ्ट को भी बढ़ावा दे रही है। पर आपको यह जानकर हैरानी होगी कि बहुत से क्षेत्रों में बांस की सब्जी को बड़े चाव से खाया जाता है। जी हां बांस की नन्हीं कोपलें जिन्हें करील कहा जाता है, खाने के उपयोग में लाया जाता है। करील की सब्जी, अचार, मुरब्बा स्वादिष्ट होने के साथ-साथ औषधीय गुणों से भी भरे पूरे होते हैं। आमतौर पर जून से अगस्त के माह में यह करील बांस की झुरमुट में आसानी से देखा जा सकता है। मानसून के आते ही हाट बाजारों में इसकी बिक्री होने लगती है। यूं तो बांस की घटती संख्या को देखकर करील की खरीद बिक्री या तस्करी पर कानूनन प्रतिबंध लगाया गया है फिर भी ग्रामीण क्षेत्रों में इसकी खरीद बिक्री खुलेआम होती है और अब तो इसकी मांग शहरों में भी अच्छी खासी होने लगी है।
आइए हम जानते हैं कि बांस करील में कौन-कौन से औषधीय गुण होते हैं:
बांस की नन्हीं कोपलों में प्रोटीन, विटामिन ए, विटामिन बी, विटामिन बी 6, कैल्शियम, मैग्नीशियम, सोडियम, जिंक, कोपर, पोटेशियम, सल्फर, सेलेनियम और आयरन जैसे पोषक और खनिज तत्व पाए जाते हैं। साथ ही इसमें 19 तरह के एमिनो एसिड भी पाए जाते हैं।
बांस में फोलिक एसिड होता है जो एंटीऑक्सीडेंट का काम करता है, इसमें पाया जाने वाला फाइटोकेमिकल कैंसर से बचाव करता है तथा हृदय की धमनियों को स्वस्थ रखने में मदद करता है।
बांस के रस में अदरक का रस तथा शहद मिलाकर पीने से खांसी शांत हो जाती है।
बांस की कोपलों में प्रचुर मात्रा में कैल्शियम पाई जाती है, इसके सेवन से हड्डियाँ एवं दांत मजबूत होते हैं। बांस से दातुन करने पर मुंह की दुर्गंध और दांत के दर्द दूर हो जाते हैं।
करील से बनी सब्जी, मुरब्बे, और अचार के सेवन से वजन कम करने में मदद मिलती है, साथ ही कोलेस्ट्रोल भी घटता है और मधुमेह भी नियंत्रित होता है।
पुरानी और मोटी बांस के गांठ में सफेद क्रिस्टल जैसा पदार्थ पाया जाता है जिसे वंशलोचन के नाम से जाना जाता है, इसके सेवन से शरीर बलवान तथा हृदय मजबूत होता है।
आयुर्वेद में वंशलोचन सितोपलादि चूर्ण बनाया जाता है जो पेट के अल्सर,खांसी-जुकाम, रक्त विकार, त्वचा की समस्या, अस्थमा, गठिया और बाल बढ़ाने तथा मजबूत करने में फायदेमंद होता है।
बांस करील के सेवन से कफ़, सफेद दाग,सूजन आदि भी दूर होते हैं।