सरकार की मशरूम खेती पर जोर, बेरोजगारों को मिलेगा रोजगार का नया जरिया

अमित कुमार महतो

पीजी इंटर्न,स्‍कूल ऑफ मास कम्‍युनिकेशन

रांची विश्‍वविद्यालय,रांची

देश में किसान अब मशरूम की खेती पर ज्यादा जोर दे रहे हैं। पहले वे मक्का, गेहूं, सरसों, टमाटर जैसे फसलों की खेती करते थे। लेकिन, अब मशरूम की मांग काफी तेजी से बढ़ती जा रही है। आपको बता दें की मशरूम में प्रोटीन, कम कार्बोहाइड्रेट, कम फैट, कम शुगर और मिनरल की मात्रा पाई जाती है। डायविटिज और हृदय रोगी के लिए बहुत उपयुक्त खाद्य पदार्थ है। इसके पौष्टिक गुणों और बढ़ती हुई मांग को देखते हुए मशरूम की खेती का दायरा भी बढ़ाया जा रहा है। कम जगह और कम लागत में मशरूम की खेती मुनाफे का सौदा साबित हो रहा है। इसी कड़ी में कृषि विभाग अब बेरोजगार महिला और पुरुषों की बेरोजगारी को मशरूम उत्पादन के माध्यम से दूर करने की सोच रही है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, सरकार ने बेरोजगारों को सब्सिडी का लाभ देकर उन्हें रोजगार उपलब्ध करा रही है। ऐसे में आइए जानते हैं इस योजना का लाभ उठाने के लिए कैसे करें आवेदन। कृषि विभाग की ओर से यह जानकारी दी गई है इस योजना का लाभ लेने के वाले इच्छुक किसानों को प्रत्येक जिले में ट्रेनिंग दी जाएगी। वहीं किसानों को इस योजना में आवेदन करने को लेकर प्रोत्साहित भी किया जाएगा। इस योजना के लिए लाभुक किसानों को डीबीटी पोर्टल पर रजिस्टर्ड होना होगा। साथ ही ऑनलाइन आवेदन करने वाले बेरोजगारों को पहले आओ-पहले पाओ के आधार पर योजना का लाभ दिया जाएगा। ऐसे में एक लाभार्थी को 90 फीसदी सब्सिडी पर अधिकतम 100 किट उद्यान विभाग की ओर से उपलब्ध कराया जाएगा। इस योजना को लेकर सहायक निदेशक, उद्यान, नीरज कुमार झा ने बताया कि 25 हजार लाभार्थियों को इस योजना का लाभ देने का लक्ष्य रखा गया है। आपके जानकारी के लिए बता दें की बागवानी विकास कार्यक्रम के तहत बेरोजगार किसानों को मशरूम किट 90 फीसदी की सब्सिडी पर दिया जाएगा। यानी 60 रुपये के एक किट के लिए किसानों को मात्र 06 रुपये का ही भुगतान करना होगा। हालांकि की इस योजना का फायदा बिहार के बेरोजगारों के लिए है। इसके माध्यम से बेरोजगार पुरुष और महिलाएं रोजगार कर बेहतर कमाई कर सकते हैं। इससे उद्यमियों की मांग के अनुरूप मशरूम को बाजार में आसानी से उपलब्ध कराया जा सकेगा। वहीं, बिहार सरकार की ओर से इस योजना में सभी वर्ग की 30 फीसदी महिलाओं को लाभ दिया जाएगा, ताकि वे मशरूम उत्पादन कर अच्छी आमदनी कमा सकें और आत्मनिर्भर बन सकें।

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