:::उज्ज्वल केरकेट्टा:::
पीजी इंटर्न, स्कूल ऑफ मास कम्युनिकेशन,रांची विश्वविद्यालय,रांची
पश्चिमी सिंहभूम के चाईबासा – चक्रधरपुर मुख्य मार्ग NH-75(E) में सड़क चौड़ीकरण का काम बहुत तेजी से हो रहा है, चौड़ीकरण की प्रक्रिया हरियाली के लिए घातक साबित हो रही है। सड़क निर्माण में बाधा बन रहे सड़क के किनारे बड़े-बड़े पेड़ों की कटाई हो रही है । वायु प्रदूषण अर्थात धूल उड़ने से लोगों को आने जाने में कठिनाई हो रही है। मिट्टी का क्षरण हो रहा जिससे पर्यावरण बहुत अधिक प्रभावित हो रहा है।
पेड़ों के कटने से चक्रधरपुर – चाईबासा आने जाने वाले यात्रियों को बस का इंतजार करने के लिए पेड़ की छाया नही मिल रही।
चार महीने पहले शुरू हुए सड़क चौड़ीकरण के इस कार्य में सड़क के दोनों ओर के हिस्से की चौड़ाई बढ़ाई जा रही है। पेड़ कटने से सड़क तो चौड़ी हो जाएगी लेकिन हरियाली खत्म होना शुरू हो गई है। पेड़ों के कटने से NH-75 पर दिखने वाली हरियाली अब रेगिस्तान से नजारे में बदल जाएगी। बताया जाता है कि सड़क निर्माण में बाधा बन रहे इन पेड़ों की उम्र 30 साल से अधिक है। लोगों का कहना है कि सालों पहले इस सड़क के दोनों ओर अत्यधिक पेड़ थे। सड़क निर्माण होने की वजह से इन पेड़ों को काट दिया गया था। अब एक बार फिर सड़क निर्माण के लिए पेड़ों को काटा जा रहा है। यहां एक सवाल भी उठ रहे हैं कि कभी पेड़ों को उखाड़ कर कहीं और शिफ्ट करने वाले जापानी मशीन की झारखंड में खूब चर्चा हुई थी और कहा गया कि बड़े वृक्ष कटने के बजाय कहीं और स्थानांतरित किये जायेंगे, लेकिन वह सारी बातेें हवा हवाई साबित हुईं और आज बड़े और छायादार पेड़ धड़ल्ले से काटे जा रहे हैं।