:::तनय खंडेलवाल:::
पीजी इंटर्न, स्कूलआफ मास कम्युनिकेशन
रांची विश्विद्यालय,रांची
रांची में बनी जल संकट की स्थिति
झारखंड की राजधानी रांची जो एक जमाने में अपने वातावरण और मौसम के लिए प्रसिद्ध थी अब वह जमाना महज़ 90 और 2000 की शुरुआती दौर के लोगों के विचारों में रह गाया है । समय के साथ अब जमाना भी बदल गया है । पहले रांची में गर्मी ऐसी होती थी कि तीन दिनों तक अगर लोग गर्मी की सितम झेलना पड़े तो चौथे दिन यह तय था बारिश की बूंदों से उन्हें उस गर्मी से राहत मिलेगी। अब ऐसे में जहां गर्मी भीषण हो रही है तो वही रांची में जलस्तर भी नीचे जाते जा रहा है। अंडरग्राउंड वॉटर सर्वे के द्वारा यह आंकड़े दिए गए हैं कि लागातार वर्ष दर वर्ष जमीन के नीचे पानी का स्तर कम होता जा रहा है जिसके कारण लोगों के घरों के बोरिंग सुख रहे हैं । जलस्तर घटने का एक बड़ा कारण है इन दिनों चल रहे वाटर बॉटलिंग प्लांट । राजधानी रांची में जहां एक तरफ जमीन के नीचे जलस्तर कम होता नजर आ रहा है वहीं दूसरी तरफ शहर के गली मोहल्ले में वाटर बॉटलिंग प्लांट खुल रहे हैं । इन वॉटर प्लांट से शहर भर में पेयजल व्यवस्था हो रही है । लोग इन वाटर प्लांट से पानी भर के जाते हैं और पेयजल के लिए आपूर्ति करते हैं । इन वॉटर प्लांटो को संचालित करने के लिए केंद्रीय ग्राउंड वाटर बोर्ड से एनओसी लेना पड़ता है क्योंकि दिन भर मोटर चला कर यह लोग हजारों लीटर पानी निकलते हैं । अब ऐसे में कई वाटर प्लांट ऐसे हैं जिन्होंने बिना लाइसेंस लिए वाटर प्लांट खोल दिए हैं जिस पर अब कार्रवाई हो रही है । रांची नगर निगम द्वारा रांची नगर निगम द्वारा इन प्लांट मालिकों को नोटिस भेजा जा रहा है और केंद्रीय ग्राउंड वाटर बोर्ड से एनओसी लेने का आदेश दिया जा रहा है । रोजाना नगर निगम द्वारा छापेमारी की जा रही है और विभिन्न प्लांट की लाइसेंस की जांच हो रही है । वही इस पर रांची नगर निगम प्रशासक ने बताया की अगर नॉन डॉमेस्टिक परपज के लिए कोई डीप बोरिंग कर रहे हैं तो इसकी अनुमति उनको सेंट्रल गवर्नमेंट अथॉरिटी से लेना है । कई जगह हमने जब जांच करवाई तो देखा कि बिना अनुमति की यह प्लांट चल रहे हैं सेंट्रल गवर्नमेंट अथॉरिटी को लगभग हमने 150 ऐसे प्लांट की जानकारी दी है उचित कार्रवाई करने के लिए उनका रिक्वायरमेंट किया है और उन पर सक्ति से उनसे निपटा भी जाएगा । निगम ग्राउंड वाटर अथॉरिटी को सहयोग कर रही है ।कोई भी ऐसा बोरिंग जो डॉमेस्टिक परपज के लिए नहीं है उनको अनुमति की जरूरत है सेंट्रल गवर्नमेंट अथॉरिटी से यह एक ऑनलाइन प्रक्रिया है बिना एनओसी के अगर वह इस कार्य को कर रहे हैं निक में अंकित जो पैरामीटर है अगर उसको फुलफिल नहीं कर रहे हैं तो हम लोगों के द्वारा जो धावा दल टीम गठित की गई है वह इसकी जांच करती है और सेंट्रल गवर्नमेंट अथॉरिटी को सूचित करती है ।