झारखंड की पहचान रही स्‍वर्णरेखा नदी हो रही बर्बाद

मनीष कुजूर

पीजी इंटर्न,स्‍कूलऑफ मास कम्‍युनिकेशन

रांची विश्‍वविद्यालय, रांची

स्वर्ण रेखा नदी झारखण्ड की एक प्रमुख नदी है।इसके धारा में सोने के कण पाए जाते थे इस कारण से इसका नाम स्वर्ण रेखा पड़ा है।यह एक स्वतंत्र नदी है जो 474 km का सफर तय कर बंगाल की खाड़ी में जा कर मिलती है।इस नदी का उद्गम स्थल राजधानी रांची के नगड़ी गांव में रानी चुआं नमक स्थान से निकलती है। स्‍वर्णरेखा नदी की महत्ता हम इस बात  से समझ सकते हैं कि इसकी विशिष्‍टता के कारण यह झारखंड की पहचान है।
पर वर्तमान समय में नदी का प्रदूषण तेजी से बढ़ रहा है। कारखानों से निकलने वाले अपशिष्ट पदार्थ, नालों का पानी तथा कूड़ा कचड़ा नदी में ही समिल्लित किया जा रहा है।इस कारण से नदी के जल्य जीवन का नास हो रहा है साथ ही साथ नदी का पानी कृषि के सिंचाई के लिए भी उपयोगी नहीं हो पा रहा है। स्वर्ण रेखा नदी के बचाव हेतु सरकार को संरक्षण के कड़े कदम उठाने की आवश्यकता है ताकि इस नदी को नाले में तब्दील होने से बचाया जा सके।

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