पर्यटकों की अत्‍यधिक भीड़ से संकट में है गुरूडोंगमेर झील

अनंत सौरव इंटर्न पी.जी. सेमेस्टर चतुर्थ स्‍कूल ऑफ मासकम्‍युनिकेशन रांची विश्‍वविद्यालय, रांची पहाड़ हर साल पर्यटन के लिए सबसे लोकप्रिय स्थलों में से एक हैं, गर्मी के चरम मौसम के दौरान हिमालय की ठंडी और […]

मॉनसून के आने से पहले किसान कर रहे हैं खेतों की तैयारी

उज्जवल केरकेट्टा पीजी इंटर्न, स्कूल आफ मास कम्युनिकेशन रांची विश्वविद्यालय, रांची पश्चिमी सिंहभूम में मॉनसून के आने के साथ ही किसान खेतों की तैयारी में जुट गए हैं। खेतों की सफाई की जा रही है। […]

पर्यावरण को लील रहा शहर का दायरा, नुकसान की मुख्य वजह अनियोजित शहरीकरण ।

अमिताभ कुमार धीरज पीजी इंटर्न, स्कूल आफ मास कम्युनिकेशन रांची विश्वविद्यालय, रांची   संयुक्त राष्ट्र संघ का मानना है कि 2050 तक भारत की 60 फीसद आबादी शहरों में रहने लगेगी। वैसे भी 2011 की […]

भूटान: एक स्वच्छता की परिभाषा, पर्यटकों के लिए स्वर्ग”

श्वेता कुमारी पीजी इंटर्न, स्कूल आफ मास कम्युनिकेशन रांची विश्वविद्यालय, रांची भूटान एक स्वच्छ पर्यटक स्थल है जो अपनी प्राकृतिक सुंदरता, विशाल ग्रीन प्रदेश, और अपने समाजिक-सांस्कृतिक विरासत के लिए प्रसिद्ध है। यहाँ की पर्यटन […]

प्लास्टिक से प्रदूषण, एक बहुत बड़ी चुनौती

अमिताभ कुमार नीरज पीजी इंटर्न,स्कूल आफ मास कम्युनिकेशन रांची विश्वविद्यालय,रांची प्लास्टिक कचरा (Plastic Waste) से फैलता प्रदूषण पृथ्वी के वातावरण को नष्ट कर रहा है। धरती पर प्लास्टिक की वस्तुओं का संचय मनुष्यों, वन्यजीवों और […]

टाटीसिल्वई में ग्लोबल विलेज नामक एक स्थानीय समूह द्वारा एक महत्वाकांक्षी पर्यावरणीय पहल शुरू

यश कुमार राज पीजी इंंटर्न, स्कूल आफ मास कम्युनिकेशन रांची विश्वविद्यालय,रांची   15 जून, 2024 को रांची जिले के शांतिपूर्ण गांव टाटीसिल्वई में ग्लोबल विलेज नामक एक स्थानीय समूह द्वारा एक महत्वाकांक्षी पर्यावरणीय पहल शुरू […]

झारखंड की अमूल्‍य धरोहर है नवरत्‍न गढ़

गुमला, झारखंड: झारखंड के गुमला जिला के सिसई प्रखंड में स्थित नवरत्न गढ़ का किला नागवंशियों की एक अमिट धरोहर है. इस ऐतिहासिक नवरत्न गढ़ की पुरातात्विक खुदाई में अत्यंत प्राचीन भूमिगत महल की संरचना […]

आँजन धाम माता अंजनी के लाल की जन्मस्थली

  आँजन धाम झारखंड राज्य के दक्षिण पश्चिम में स्थित गुमला जिला में स्थित एक प्रसिद्ध एवं प्राचीन धार्मिक स्थल है, जो झारखंड की राजधानी राँची से करीब 118 किलोमीटर दूर स्थित है। यह स्थान […]

विश्व पर्यावरण दिवस और सरहुल: प्रकृति की रक्षा के दो रूप

विश्व पर्यावरण दिवस और सरहुल, दोनों ही त्योहार प्रकृति और पर्यावरण संरक्षण के महत्व को दर्शाते हैं। विश्व पर्यावरण दिवस हर साल 5 जून को मनाया जाता है, जबकि सरहुल झारखंड के आदिवासी समुदायों द्वारा […]