क्षेत्रिय भाषाओं में जागरूकता अभियान चलायेगा झारखंड जैव विविधता पर्षद

पीसीसीएफ सह सदस्‍य सचिव  संजीव कुमार का खोरठा, पंचपरगनिया , कुडुख मुंडारी, संथाली  ,हो, नागपुरी,भाषाओं में राज्‍य की जैव विविधता और पारंपरिक ज्ञान संजोने का  अभिनव प्रयास 

रांची :झारखंड जैव विविधता पर्षद (Jharkhand Biodiversity Board) राज्‍य की जैव विविधता को संरक्षित करने और यहां के समृद्ध पारंपरिक ज्ञान को संजोने के लिये झारखंड के क्षेत्रिय भाषाओं में जागरूकरता बढाने का प्रयास प्रारंभ किया है। इसके लिये  संजीव कुमार, (IFS, PCCF -सह -सदस्य सचिव) की  अध्यक्षता में राज्य के विभिन्न भाषाओं के शिक्षकों के साथ एक बैठक का आयोजन किया गया। इस बैठक का उद्देश्‍य राज्य के विभिन्न भाषाओं में जैव विविधता के साथ -साथ जनजातियों की भाषा एवं पारंपरिक ज्ञान और राज्य की भाषाओं को संरक्षित करना और जागरूकता लाना है।

झारखंड जैव विविधता पर्षद ने के सदस्य सचिव ने विभिन्‍न भाषाओं के शिक्षाविदों के साथ बैठक किया जिसमें जिसमे विद्या सागर यादव – पांचपरगनीया, डॉ. अरविंद कुमार – खोरठा, डॉ. सीता कुमारी एवं डॉ. बन्दे खलखो – कुडूख, बिनाधर सांडिल एवं करम सिंह मुंडा – मुंडारी, शकुंतला बेसरा – संथाली, नन्हकिशोर रजक एवं युवराज कुमार – नागपुरी, डॉ. सरस्वती गर्ग एवं डॉ. जय किशोर मंगल – हो के विशेषज्ञ उपस्थिति थे | सचिव  संजीव कुमार ने सभी शिक्षकों से झारखंड की जैव विविधता, पारंपरिक ज्ञान को बचाने , संजोने और उसके प्रति जागरूकता लाने में सहयोग का आग्रह किया।

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