झारखंड में 528 से अधिक प्राकृतिक स्थल, बनेगा पर्यटन हब

प्रतीक सौरभ

झारखंड एक ऐसा राज्य है, जिसका हर जिला पर्यटन क्षेत्र है. यहां की आवोहवा, सांस्कृतिक-धार्मिक विरासत, भाषा व वेशभूषा पर्यटकों को बरबस ही खींच लाती है. ऐसा राज्य जहां जोहार से आपका स्वागत होगा और आप 528 से अधिक प्राकृतिक सौंदर्य, सांस्कृतिक विरासत व ऐतिहासिक स्थल से रू-ब-रू हो सकेंगे. इन्हीं सब को देखते हुए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन व पर्यटन मंत्री सुदिव्य कुमार ने झारखंड को पर्यटन हब बनाने की दिशा में कार्रवाई शुरू कर दी है. ताकि, राज्य की अर्थव्यवस्था सुधर सके व रोजगार को बढ़ावा भी मिल सके. राज्य का पर्यटन विभाग अपने सहयोगी जेटीडीसी की मदद से राज्य में पर्यटन की दिशा में लगातार काम कर रहा है.

राज्य के पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए सरकार की पहल

(1) मजबूत डिजिटल उपस्थित : झारखंड पर्यटन की ऑनलाइन पहचान को और सशक्त बनाया गया.

(2) डैम का सौंदर्यीकरण : राज्य के प्रमुख डैमों का सौंदर्यीकरण किया जा रहा है, ताकि अधिक पर्यटक आकर्षित हों.

(3) वन विहार बेतला का नवीनीकरण : जेटीडीसी ने बेतला स्थित अपनी प्रसिद्ध होटल संपत्ति का नवीनीकरण किया.

(4) माइनिंग टूरिज्म सर्किट : झारखंड की खनन विरासत समझने के लिए जेटीडीसी ने एक अनोखा पर्यटन सर्किट शुरू किया है.

(5) जेटीडीसी की नयी वेबसाइट : पर्यटकों को बेहतर अनुभव और सुविधा देने के लिए आधुनिक और आसान उपयोग वाली वेबसाइट बनायी गयी.

(6) नयी ब्रांडिंग : जेटीडीसी और झारखंड पर्यटन का नया लोगो जारी किया गया.

(7) इन्फ्लुएंसर सहयोग : प्रमुख इन्फ्लुएंसर्स के साथ साझेदारी कर डिजिटल उपस्थिति को और मजबूत किया गया. 10 लाख रुपये तक देने की है योजना.

(8) इन्फ्लुएंसर एंगेजमेंट योजना : झारखंड पर्यटन ने डिजिटल क्रिएटर्स को जोड़ने और सहयोग देने के लिए नयी योजना शुरू की.

(9) डिजिटल विज्ञापन : विभिन्न डिजिटल चैनलों के माध्यम से प्रचार-प्रसार किया जा रहा है.

10) जिला स्तरीय जागरूकता कार्यक्रम : पर्यटन दिवस को जिला स्तर पर मनाकर स्थानीय समुदायों को जोड़ा जा रहा है.

(11) इको रिट्रीट : पर्यावरण अनुकूल पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए इको रिट्रीट रूपी फेस्टिवल का आयोजन किया जा रहा है.

(12) धार्मिक सर्किट : तमाड़ से बिरसा मुंडा की जन्म स्थली उलिहातू को एक सर्किट में जोड़ने की योजना है.

(13) निवेशकों को आमंत्रण : पर्यटन के क्षेत्र में निवेश करने के लिए देश-विदेश के निवेशकों को आमंत्रित किया जा रहा है.

स्वदेशी के साथ विदेशी पर्यटक भी बढ़ रहे

विभाग के आंकड़ों पर गौर करें, तो हर साल साढ़े तीन करोड़ देसी-विदेशी पर्यटक झारखंड पहुंच रहे हैं. इनमें लगभग दो लाख विदेशी पर्यटक हैं. लॉकडाउन के बाद वर्ष 2021 में 3.34 करोड़ पर्यटक झारखंड आये. सबसे अधिक पर्यटक अगस्त माह में झारखंड पहुंच रहे हैं. वर्ष 2024 के आंकड़े बताते हैं कि जुलाई माह में 60 लाख से अधिक पर्यटक झारखंड आये. सितंबर में यह संख्या 5118177 रही. 2023 में 13,178 विदेशी पर्यटक झारखंड आये.

ए श्रेणी में 37 पर्यटन स्थल चिह्नित

पर्यटन विभाग ने ए श्रेणी में 37 पर्यटन स्थल चिह्नित किये हैं. इनमें मुख्य रूप से देवघर में वैद्यनाथ धाम, त्रिकूट पहाड़ व रिखिया धाम, साहिबगंज में उधवा पक्षी विहार, दुमका में बासुकीनाथ धाम व मलूटी मंदिर के अलावा रजरप्पा मंदिर, जगन्नाथ मंदिर आदि शामिल हैं. वहीं, श्रेणी बी में 57, श्रेणी सी में 112 और श्रेणी डी में 322 पर्यटन स्थल को सूचीबद्ध किया गया है. इसके अलावा ग्लास ब्रिज, हेली शटल सेवा भी शुरू हो रही. यहां के खान-पान व स्थानीय के लिए रोजगार को बढ़ावा देने के लिए पर्यटन स्थल के पास पर्यटकों के ठहरने के लिए स्टे होम का निर्माण कराया जा रहा है. मेक माय ट्रिप के साथ सरकार ने एमओयू कर पर्यटन को नया आयाम देने की योजना भी तैयार की.

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