पूर्व सीनेटर अटल पाण्डेय ने उच्च शिक्षा विभाग के सचिव की कार्यशैली पर उठाए सवाल, जानें क्या है पूरा मामला

::संवाददाता::

राँची: राँची  विश्वविद्यालय के पूर्व सीनेट और सिंडिकेट सदस्य डॉ. अटल पांडेय ने राज्य के उच्च शिक्षा विभाग और उसके सचिव की कार्यशैली पर गंभीर सवाल उठाए हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि उच्च शिक्षा निदेशालय द्वारा 7 दिसंबर 2022 को उप निदेशक, उच्च शिक्षा के पद के लिए जारी विज्ञापन में स्पष्ट रूप से कहा गया था कि इस पद के लिए केवल वही अभ्यर्थी पात्र होंगे जिनका ग्रेड पे 7000 रुपये है. इसके बावजूद उच्च शिक्षा निदेशालय ने अपने ही विज्ञापन की अवहेलना करते हुए 6000 रुपये ग्रेड पे वाले प्राध्यापकों को उप निदेशक के पद पर नियुक्त कर दिया.

अयोग्य लोगों की नियुक्ति हुई-अटल पांडे

पूर्व सीनेटर अटल पांडे ने आरोप लगाया कि उच्च शिक्षा सचिव और निदेशक ने जानबूझकर प्रक्रिया में गड़बड़ी की है. इस महत्वपूर्ण पद पर अयोग्य लोगों की नियुक्ति की गई, जिसका प्रतिकूल असर राज्य के शिक्षा क्षेत्र पर पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि वर्तमान में राज्य में उच्च शिक्षा विभाग के खिलाफ सैकड़ों मामले दर्ज हैं, जिसके कारण सरकार को अतिरिक्त संसाधन खर्च करने पड़ रहे हैं. नतीजतन, राज्य को राजस्व की हानि हो रही है. इन अधिकारियों को बार-बार हाईकोर्ट से फटकार मिल रही है, लेकिन वे सुधरने को तैयार नहीं हैं.

राज्यपाल व मुख्यमंत्री के समक्ष उठाएंगे मुद्दा

अटल पांडे ने कहा कि उच्च शिक्षा विभाग की कार्यशैली से प्रदेश के हजारों शिक्षक और कर्मचारी निराश और परेशान हैं. उन्होंने कहा कि वे इस मामले को राज्यपाल और मुख्यमंत्री के समक्ष उठाएंगे. उन्होंने सीबीआई या उच्चस्तरीय जांच की मांग भी की. उन्होंने यह भी कहा कि प्रदेश में दर्जनों निजी विश्वविद्यालय, नर्सिंग कॉलेज, बीएड कॉलेज, इंजीनियरिंग कॉलेज आदि बिना जरूरी मान्यता के संचालित किए जा रहे हैं. अधिकारियों और इन संस्थानों के बीच मिलीभगत हो सकती है. कहा कि इस बड़े रैकेट की जांच जरूरी है, जिससे इन लोगों का गोरखधंधा बंद हो. इस पूरे मामले की तह तक जाएंगे तो बड़ा भ्रष्टाचार का मामला उजागर हो सकता है.

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