सीसीएल ने कोयला उत्पादन, प्रेषण, ओबी रिमुव्ल में रिकार्ड बनाया
सेन्ट्रल कोलफील्ड्स लिमिटेड (सीसीएल) ने वित्तीय वर्ष 2022-23 में अपना अभूतपूर्व प्रदर्शन जारी रखते हुए आज तक का सर्वाधिक 76.09 मिलियन टन (एमटी) कोयला उत्पादन कर इतिहास रच दिया है। यह पिछले वर्ष की तुलना में 11% की वृद्धि है। इस स्वर्णीम प्रदर्शन में सीसीएल के आम्रपाली परियोजना 18 एमटी, मगध परियोजना 15.6 एमटी सहित सभी क्षेत्रों का महत्वपूर्ण योगदान रहा। सीसीएल ने कोयला प्रेषण में भी सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए पिछले सारे कीर्तिमान तोड़ते हुए 75.03 एमटी कोयला प्रेषण किया जो पिछले रिकार्ड से 4.5% अधिक है। साथ ही साथ ओबी रिमुवल में भी 107 मिलियन क्यूबिक मीटर ओवर बर्डेंन की निकासी कर कीर्तिमान बनाया है।
सीएमडी सीसीएल श्री पीएम प्रसाद ने शानदार प्रदर्शन पर बधाई देते हुये कहा कि माननीय कोयला मंत्री श्री प्रल्हाद जोशी के मार्गदर्शन, कोयला सचिव श्री अमृत लाल मीणा तथा अध्यक्ष सीआईएल श्री प्रमोद अग्रवाल के नेतृत्व में सीसीएल ने अपने उत्पादन लक्ष्य, 76 मिलियन टन (एमटी) को पार करते हुए 76.09 एमटी हासिल किया। उन्होंने सहयोग के लिए राज्य सरकार और जिला प्रशासन का भी आभार व्यक्त किया। साथ ही कंपनी की सफलता में ट्रेड यूनियन प्रतिनिधियों, जन प्रतिनिधियों, हितधारकों एवं प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से जुडे सभी लोगों के योगदान की प्रशंसा की। उन्होंने सीसीएल की पूरी टीम को बधाई देते हुये कहा कि यह कंपनी की स्थापना के बाद से आज तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है।
पिछले वित्तीय वर्ष में सीसीएल ने भूमि अधिग्रहण के क्रम में 161 लाभार्थियों को स्थायी रोजगार मूहैया कराया है। इसी तरह सीसीएल ने कार्बन उर्त्सजन कम करने के दिशा में कार्य करते हुये पिपरवार क्षेत्र में लगभग 143 करोड़ के लागत से 20 मेगावाट सौर उर्जा प्लांट स्थापना करने जा रहा है। कमांड क्षेत्रों में पिछले वर्ष 178.85 हेक्टेयर क्षेत्र में 3 लाख 75 हजार से अधिक पौधारोपण किया गया है।
विगत वित्तीय वर्ष सीसीएल के लिए अविस्मरणीय साल रहा है। इस साल कोल इंडिया लिमिटेड के तत्वाधान में सीसीएल द्वारा ऐतिहासिक कोल इंडिया मैराथन का आयोजन किया गया जिसमें देशभर के लगभग 6000 धावकों ने हिस्सा लेकर इस मैराथन को सफल बनाया। सीसीएल द्वारा समाज के कल्याण और समग्र विकास के लिए अनेक योजनाएं संचालित किया जा रहा है। इसी कड़ी में सीसीएल द्वारा लगभग 65 करोड़ की लागत से रांची विश्वविद्यालय परिसर में पांच हजार सिटों वाली एक सेन्ट्रल लाईब्रेरी का निर्माण जल्द ही किया जायेगा।