आंख दिखाते ही घुटनों के बल आया मालदीव

भारत की नाराजगी से घबराकर मालदीव ने  प्रधानमंत्री पर अभद्र टिप्पणी करने वाले तीन मंत्रियों को  हटाया

मनोज कुमार शर्मा

प्रधानमंत्री मोदी पर मालदीव के तीन मंत्रियों ने बेहूदा टिप्पणी की थी उन्हें मालदीव सरकार ने हटा दिया है। इन तीनों मंत्रियों के नाम हसन निज़ाम, मरियम शिउला और माल्शा है। जब से प्रधानमंत्री ने लक्ष्यद्वीप का दौरा कर इसके लाजवाब खुबसूरती की चर्चा की, लोगों से भारत के इन सुंदर द्वीपों के घूमने का आह्वाण किया है तब से मालदीव के माथे पर चिंता की लकीरें है। दरअसल मालदीव की अर्थव्‍यवस्‍था का बड़ा हिस्‍सा हम भारतीयों की बदौलत है। मालदीव की पूरी अर्थव्यवस्था मुख्यतः पर्यटन पर टिकी है और पर्यटकों में भी सबसे बड़ी तादाद हम भारतीयों की है। हिंद महासागर में सबसे करीब होने के कारण मालदीव घूमना भारतीयों के बजट में आता है। भारत से संबंधों के बिगड़ने पर भारतीय पर्यटक वहां जाना छोड़ सकते हैं तब मालदीव की अर्थव्यवस्था को बड़ा नुकसान होगा।मालदीव समुद्री प्रवालों पर बसा हुआ 1192 टापुओं वाला सुंदर द्वीप देश है । इसमें सिर्फ 200 द्वीपों पर ही आबादी है। इसके खुबसूरत नीले समुद्र तटों और लैगून की ओर पर्यटक खिंचे चले आते हैं।

लक्ष्यद्वीप की सुंदरता से घबराया मालदीव

अब तक ज्‍यादतर भारतीयों की नजर से दूर रहा लक्ष्यद्वीप भी खुबसूरती में मालदीव से उन्नीस नहीं है। बंटवारे के बाद कभी पाकिस्तान ने भी लक्ष्यद्वीप कब्जाने की कोशिश की थी, पर सरदार बल्‍लभभाई के पहले ही आगाह कर देने पर भारतीय नौसेना ने सामरिक रूप से महत्‍वपूर्ण लक्ष्‍यद्वीप पहुंचने से पहले ही पाकिस्तानियों को खदेड़ दिया था। लक्ष्‍यद्वीप हर लिहाज से खुबसूरती में मालदीव को टक्कर देता है, यह केरल तट से नजदीक अरब सागर में है और समुद्री मार्ग के साथ ही हवाई मार्ग से भी जुड़ा हुआ है। कभी प्रधानमंत्री राजीव गांधी का भी यह फेवरीट था। वह सपरिवार यहां के द्वीपों पर समय गुजारे थे। अब वर्तमान  प्रधानमंत्री मोदी भी स्वयं यहां पहुंचे  और उन्होंने कुछ तस्वीरें पोस्ट कर भारतीयों से सुंदर नयनाभिराम क्ष्यद्वीप घूमने का आग्रह किया है। इस कारण से भारतीय पर्यटक मालदीव के बजाय कम बजट में अपने ही देश के खुबसूरत लक्ष्यद्वीप को तरजीह दे सकते हैं और छोटे से मालदीव का पर्यटन ठप्प पड़ सकता है? इसी कारण चीनी प्रभाव वाले मालदीव के तीन मंत्रियों ने बौखलाकर भारत औररप्रधानमंत्री मोदी पर अभद्र टिप्पणियां कर डालीं, भारत विरोधी बेहूदा बयानबाजी की। भारत के विरोध जताने पर मालदीव सरकार ने अपने तीन मंत्रियों को हटा दिया।

मालदीव को नुकसान की शुरूआत

मालदीव के मंत्रियों के भारत विरोधी बयान और सोशल मीडिया पर मालदीवियों के लक्ष्यद्वीप को ट्रोल करने के बाद कई भारतीयों ने मालदीव टूर को रद्द कर दिया है और फिलहाल राष्‍ट्रवाद के जोश में अगर भारतीयों में यह ट्रेंड बढ़ा तो साढ़े पांच लाख की आबादी वाले मालदीव को खाने के लाले पड़ जायेंगे।

कभी मालदीव को भारत ने ही बचाया था

राजीव गांधी के प्रधानमंत्री रहते भारतीय पैराट्रूपर्स ने मालदीव पर कब्जे को विफल किया था। व्यावसायी अब्दुल्ला लुतुफी और लिट्टे उग्रवादियों के दल ने 1988में मालदीव पर कब्जा करने का प्रयास किया गया था । तब वहां के राष्ट्रपति मामून अब्दुल गयूम थे। उन्होंने संकट में पहले सुदूर दक्षिण में डिएगो गार्सिया स्थित अमेरिकी नेवी से मदद मांगी थी, पर उन्होंने असमर्थता जतायी थी तब भारत ने मदद कर हमलावरों को मार भगाया था। हांलाकि इस वाकये से पहले गयूम भी मुखर भारत विरोधी थे। कभी भारतीय वैज्ञानिक नंबी नारायण को हनीट्रैप में फंसाने में  भी एक मालदीवी महिला का नाम आया था।

अभी मालदीव में है चीन परस्त मोइज्जु सरकार

सामरिक रूप से महत्व वाले मुस्लिम देश मालदीव पर शातिर चीन की हमेंशा नजर रही है । हिंद महासागर में भारत के खिलाफ वह मालदीव को अपना अड्डा बनाने की फिराक में रहा है। मोहम्मद मोइज्जु की भारत विरोधी और चीन परस्त सरकार के आने के बाद से मालदीव और भारत के संबंध नाजुक दौर में हैं। राष्ट्रपति मोहम्मद मोइज्जु ने चुनाव पूर्व ही कहा था कि वह जीत कर आयेंगे तो भारतीय सेना को मालदीव से हटायेंगे, पर भारतीय कुटनीति के दबाव में वह ऐसा कुछ कर नहीं पाये हैं।

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