:::संवाददाता:::
रांची: 5 जून को मनाए जाने वाले विश्व पर्यावरण दिवस से पहले, झारखंड जैव विविधता बोर्ड ने एक राज्यव्यापी पहल की शुरुआत की है, जिसमें बीएमसी (BMC) प्लास्टिक-प्रवण क्षेत्रों की पहचान कर उनकी सफाई करेगी, ताकि प्लास्टिक प्रदूषण से निपटा जा सके। यह पहल 2025 के विश्व पर्यावरण दिवस की थीम वैश्विक स्तर पर प्लास्टिक प्रदूषण का अंत” के अनुरूप है।
यह अभियान स्थानीय स्तर पर जैव विविधता प्रबंधन समितियों (BMCs) के सहयोग से क्रियान्वित किया जा रहा है, जिसमें शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित किया गया है। एक महीने तक चलने वाले इस अभियान के पहले चरण में रांची, चतरा, पलामू, गिरिडीह और हजारीबाग जिलों की 50 पंचायतों की BMCs को उनके क्षेत्रों में प्लास्टिक कचरे का सर्वेक्षण और सफाई करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। ये समितियां सार्वजनिक स्थानों, जंगल क्षेत्रों और जैव विविधता-संवेदनशील स्थानों में प्लास्टिक कचरे की पहचान करेंगी। एकत्र किए गए प्लास्टिक कचरे को नामित रीसायक्लिंग डस्टबिनों में डाला जाएगा। झारखंड जैव विविधता बोर्ड (JBB) के प्रधान मुख्य वन संरक्षक-सह-सदस्य सचिव और मुख्य कार्यकारी अधिकारी संजीव कुमार ने कहा, “इस अभियान का उद्देश्य प्लास्टिक कचरे को कम करना, समुदाय को जागरूक करना और राज्यभर में प्लास्टिक रीसायक्लिंग की आदत को मजबूत करना है। यह सिर्फ सफाई का अभियान नहीं है, बल्कि सिंगल-यूज़ प्लास्टिक से होने वाले पारिस्थितिक नुकसान को लेकर जागरूकता फैलाने का भी प्रयास है।”
यह अभियान स्थानीय स्वयंसेवकों, स्कूल के छात्रों, स्वयं सहायता समूहों और पंचायत सदस्यों की सक्रिय भागीदारी को प्रोत्साहित करता है। कई गांवों में शैक्षिक सत्र, नुक्कड़ नाटक, कला और प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिताएं तथा जन जागरूकता रैलियां आयोजित की जा रही हैं ताकि प्लास्टिक के कम उपयोग और उचित कचरा निपटान का संदेश जन-जन तक पहुंचे। संजीव कुमार ने बताया कि जागरूकता गतिविधियां और प्लास्टिक संग्रहण अभियान को धीरे-धीरे राज्य के अन्य जिलों तक भी विस्तार दिया जाएगा।