मनीष कुजूर
पीजी इंटर्न, स्कूल ऑफ मास कम्युनिकेशन
रांची विश्वविद्यालय, रांची
झारखण्ड के जंगलों में भरपूर मात्रा में पाए जाते है स्वादिष्ट जंगली फल ‘केंद’। इसे केंदु, केंदा, तिरिल आदि नामो से भी जाना जाता है। केंद के फल मुख्यता गर्मियों में पाए जाते है। यह फल स्वाद में मीठा होता है साथ ही साथ पौष्टिकता से भरपूर होता है।इसे सुखा कर भी खाया जाता है।केंद के पेड़ झारखण्ड के जंगलों में अधिक मात्रा में पाए जाते। क्षेत्रीय आदिवासियों द्वारा इसे एकत्रित किया जाता है और बाजारों में बेचा जाता है।
केंद के फल पौष्टिकता से भरे होते है इसमें विटामिन की प्रचुर मात्रा होती है। विटामिन A, विटामिन B, विटामिन c की मात्रा से भरपूर होते है साथ ही साथ कार्बोहाइट्रेट तथा फाइबर भी उपस्थित होते है।केंद के फल गर्मियों में पाए जाते है।इसका सेवन करने से गर्मियों में होने वाली बीमारियों से बचाव प्राप्त होता है। इसके सेवन से लू लगने का खतरा कम होता है व पेट भी ठंडा रखता है।यह हमारे त्वचा के लिए भी फायदेमंद होता है,पेट के दर्द को कम करता है,खांसी को दूर करता है, आंखो के लिए फायदेमंद होता है तथा कमजोरी दूर कर सेहत को स्वस्थ बनाने में मदद करता है।