क्या आपने खाया है झारखण्ड का फेमस ‘कोयनार’ साग?

मनीष कुजूर

पीजी इंटर्न, स्‍कूल ऑफ मास कम्‍युनिकेशन

रांची विश्‍वविद्यालय,रांची

झारखण्ड में अनेकों प्रकार के साग पाए जाते है उनमें से एक प्रसिद्ध साग है कोयनार साग। यह साग गर्मियों में पाया जाता है इसके नये निकले हुए पत्तो को तोड़ा जाता है और साग के रूप में खाया जाता है। कोयनार के पत्तों के साथ साथ उसके फूल को भी खाया जाता है।

झारखण्ड में साग आदिवासी खान पान का अहम हिस्सा है। झारखण्ड के कई इलाकों में कोयनार के पेड़ पाए जाते है। क्षेत्रिय ग्रामीणों द्वारा कोयनार साग को एकत्रित कर बाजारों में बेचा जाता है। कोयनार साग का मूल्य 150 रूपए किलो से शुरू होता है।कोयनार साग जितना स्वादिष्ट खाने में लगता है स्वास्थ के लिए भी उतना ही लाभदायक है। इसमें प्रचुर मात्रा में विटामिन और खनिज पाए जाते जो हमारे सेहत के लिए फायदेमंद होता है। इससे इम्यून सिस्टम को बूस्ट मिलता है। इसके सेवन से बुखार और बुखार के बाद की कमजोरी को दूर किया जा सकता है। संक्रमण से होने वाली लंबी बीमारियों में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाकर उसे ठीक करने में मदद करता है। इम्यूनिटी पावर बढ़ाने के साथ साथ आयरन और खुन की कमी को पूरा करता है।इस साग के सेवन से कब्ज की शिकायत भी दूर होती है।

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