रीतु लाकड़ा
पीजी इंटर्न, स्कूल ऑफ मास कम्युनिकेशन
रांची विश्वविद्यालय, रांची
रांची शहर के विभिन्न इलाकों में पानी का स्तर नीचे जाने से बोरिंग से पानी आना बंद हो गया है। वार्ड नंबर 13 के सामलौंग, भुइंया टोली की भी स्थिति इससे अलग नहीं है। पिछले एक महीने में क्षेत्र के दर्जनों बोरिंग सूख गए है। जिससे लगभग 20-25 परिवार को परेशानी हो रही है। परिवार के लोग पानी खरीदनें को मजबूर है। एक-दो किलोमीटर दूर से पानी खरीद कर ला रहे हैं। सप्लाई का पानी भी सही से नहीं मिलता है। लोगों ने बताया कि क्षेत्र में यह दूसरी बार है जब इस तरह की समस्या हो रही है। दो साल पहले कभी बोरिंग नहीं सुखता था। यहां रह रहे लोग कहते है कि सप्लाई का पानी भी नियमित रूप से नहीं मिलता है। दो-दो दिन के इंतजार के बाद जो पानी आता है वह भी इस्तेमाल के लायक नहीं रहता। बोरिंग का पानी सूख जाने से कई दिनों से पानी खरीद रहे हैं। लगभग रोज पांच से छह जार पानी खरीद कर लाना पड़ता है। इसके लिए अलग से समय देना पड़ता है। समय के साथ-साथ पैसे भी खर्च करने पड़ रहे है। खाना बनाने से लेकर नहाने तक का पानी खरीदना पड़ रहा है। लोग कहीं बाहर नहीं निकल रहे हैं ताकि कपड़े गंदे ना हो। पढ़ाई का नुकसान भी हो रहा है।
पेशे से शिक्षिका बाहालेन कहती है कि पानी की समस्या से स्कूल का काम प्रभावित हो रहा था। स्कूल नहीं जा पा रही थी। हालांकि गर्मी की छुट्टियां होने से अभी घर पर ही रहती हूं। हर दिन पानी खरीद कर लाना पड़ता है। नहाने और कपड़ा धोने तक के लिए पानी खरीदना पड़ रहा है। खाना बनाने और बर्तन धोने में पानी खर्च न हो इसके लिए रात का खाना बाहर से लाकर खा रहे है। बोरिंग सूख जाने से हर काम प्रभावित हो रहा है। लोग अब दूबारा बोरिंग करवा रहे है। बोरिंग की डिमांड बढ़ जाने से बोरिंग करने वालों ने भी अपना रेट बढ़ा दिया है। पहले की तुलना में लगभग दो फीसदी तक रेट बढ़ाया गया है। जलसंकट को देखते हुए रेट बढ़ाए जाने के बाद भी लोग बोरिंग पर ज्यादा खर्च कर रहे है।