ऊपरी खेतों में सरगुजा या कुल्थी की खेती करें कृषक

अजय कुमार 9 अगस्‍त 2020

रांची के बिरसा कृषि विश्वविद्यालय की कृषि परामर्श सेवा ने प्रदेश के किसानों के लिए एग्रोमेट एडवाईजरी बुलेटिन जारी किया है। बुलेटिन  में कहा गया है कि पिछले कुछ दिनों में पूरे राज्य में अच्छी वर्षा हुई है। अगले 2 – 3 दिनों में हल्की वर्षा या छिट -पुट वर्षा होने की संभावना है। प्रदेश के जो किसान धान को रोपा समाप्त नहीं कर पाये हों, उन्हें 2-3 दिनों में रोपा कार्य पूरा कर लेना उचित होगा।   बुलेटिन में बोआई से 15 – 20 दिनों वाली विभिन्न फसलों में मौसम को देखते हुए खर -पतवार नियंत्रण के लिए निकाई -गुडाई करने को कहा है। साथ ही  जरूरत  के  मुताबिक यूरिया का भुरकाव करने का परामर्श दिया है।

विभिन्न फसलों पर भुआ-पिल्लु का आक्रमण दीखने एवं कम संख्या होने पर हाथ से चुनकर निदान करने को कहा गया है। ज्यादा संख्या होने पर भुआ-पिल्लु का आक्रमण दीखने पर कीटनाशी दवा डाइक्लोरभास (नुवान) का छिड़काव 5 मिलीलीटर प्रति 10 लीटर पानी की दर से साफ मौसम को देखते हुए करने को कहा गया है। इस दवा के घोल में टीपोल मिलाने या साबुन के पानी में तैयार करने का परामर्श दी गई है।

जल – जमाव से फसल क्षति से बचाव के लिए विभिन्न सब्जियों/फसलों के खेतों में जल निकास के लिए बनी नालियों को साफ एवं सुदृढ़ रखने को कहा है। जिन किसानों का ऊपरी खेत अभी भी परती रह गया हो, वे इस समय विभिन्न सब्जियों के आलावा कुल्थी या सरगुजा की खेती कर सकते है।

कुल्थी की खेती में इसकी उन्नत किस्म भीएलजी -19 या बिरसा कुल्थी में से किसी एक किस्म की बोआई की जा सकती है। एक एकड़ में बोआई के लिए 8 किलो बीज की आवश्यकता होती है। खेत तैयार करने के बाद बीज को हल के पीछे कतार में 30 सेंटीमीटर (कतार से कतार) तथा 10 सेंटीमीटर (पौधा से पौधा) की दूरी पर बोने तथा बीज को बोने से पहले राराइजोबियम कल्चर से उपचारित करने की सलाह दी गई है। सरगुजा की खेती में इसकी उन्नत किस्म बिरसा नाइजर -1, बिरसा नाइजर -2, बिरसा नाइजर -3 या पूजा-1 में से किसी एक किस्म की बोआई करने को कहा गया है। एक एकड़ में  बोआई के लिए 2।5 किलो ग्राम प्रति एकड़ बीज का प्रयोग करने, खेत तैयार करने के बाद बीज को हल के पीछे कतार में 30 सेंटीमीटर (कतार से कतार) तथा 15 सेंटीमीटर (पौधा से पौधा) की दूरी पर बोने को कहा है। छिड़काव विधि से बोआई में 3।5 किलो ग्राम प्रति एकड़ बीज का प्रयोग करने का परामर्श दिया है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *