रांची : राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने कहा है कि अगर कोई व्यक्ति नौ से ज्यादा पशुधन रख कर उससे व्यवसाय कर रहा है तो उसे राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से अनुमति लेनी होगी। बोर्ड के इस आदेश के बाद राज्य में चलने वाले खटालों और गोशालाओं को कंसेट टू इस्टेब्लिशमेंट (सीटीइ)और कंसेट टू ऑपरेट (सीटीइओ) जैसी अनुमतियों को लेना होगा। मई 2020 में ही एनजीटी ने इसके बाबत एक मामले की सुनवाई करते हुये राज्यों को इसका पालन करवाने का आदेश दिया था। अब राज्य प्रदूषण बोर्ड ने यह निर्णय लिया है। बोर्ड ने गोशालाओं, खटालों और पशुपालकों को दो श्रेणियों में बांटा है जिसे ग्रीन कैटेगरी और ऑरेंज कैटेगरी नाम दिया गया है। ग्रीन कैटेगरी में सौ किलोलीटर से अधिक पानी खर्च खर्च करने वाली गोशालायें आयेंगी जिसमें घायल, विकलांग, बीमार पशुधन रखे जाते हैं। वहीं ऑरेंज कैटेगरी में डेयरी फार्म चलाने वालों को रखा गया है। इनसे गंदा पानी, गोबर, गैस निकलता है। शहर के कॉलोनियों में स्थित छोटे डेयरी फार्म वालों को भी सीटीओ और सीटीई लेना होगा।
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सदस्य सचिव राजन लोचन बख्शी ने कहा है कि सभी पशुपालक डेयरी संचालक इन नियमों का पालन करें और अपने पशुधन के अनुसार सीटीओ और सीटीई लें।