मंत्रमुग्‍ध कर देगा लोहरदगा के लावापानी जलप्रपात का लावण्‍य

आकाश साहू
लोहरदगा जिला जिसको बॉक्साइट नगरी भी कहा जाता हैं। मुख्यालय से 26 की. मी. दूर पेसरार प्रखंड में स्थित एक बहुत ही सुंदर मनमोहक जलप्रपात है, जिसे लावापानी जलप्रपात कहा जाता हैं। यह जलप्रपात नक्सल प्रभावित क्षेत्र पेशरार में होने के करण से उतना प्रशिध्द ना हो सका फिर भी लोहरदगा जिले में नक्सल गतिविधि में कमी होने से यह जलप्रपात का विकास जिले में हुआ। पेशरार प्रखंड लोहरदगा का एक ऐसा प्रखंड रहा है, जिसमें माओवादी का राज शुरु से रहा है, यह प्रखंड गुमला और लातेहार जिला के सीमाओं को भी छूती है, जिससे लातेहार जिले के खुख्यात इनामी नक्सली भी इस क्षेत्र में फलते-फूलते थे। जिला मुख्यालय से सुगम रास्ता नहीं होने से यह प्रखंड बहुत ही पिछड़ा था। सड़क निर्माण में आगजनी, लेवी मांगना या मुधभेड़, किसी को जान से मारना इस क्षेत्र में आम थीं। इस क्षेत्र की प्राकृति क सुन्दरता भी इस नक्सली गतिविधि के कारण छुपी हूई थी। वर्ष 2014 से पहले इस क्षेत्र में कोइ जाना नहीं चाहता था। शायद इसके पीछे नक्सली संगठनों का दबदबा या उनका डर था।
वर्ष 2014 में से इस क्षेत्र के लोगों में विकास की आस जगी और वह पूरी भी हूई। इस क्षेत्र के विकास की चर्चा यहां के एसपी रहे कार्तिक जी के बगैरअधूरी रहेगी। एस० पी० कार्तिक के इस क्षेत्र और लावापानी की विकास में काफ़ी योगदान रहा है,इनके कार्यकाल में घाटियों में सड़क
निर्माण से लेकर नक्सल गतिविधियों में कमी आयी। इनके कार्यकाल में ही लावापनी को पर्यटक स्थल बनाने में काफ़ी सारहनीय कार्य हुये ।
पेशरार घाटी से जिला मुख्यालय तक वर्ष 2016 में पक्की सड़क पूरी तरह बन गया साथ ही वर्ष 2018 तक इस छेत्र के गांव तक बिजली भी पहुंच गया और नक्सली गतिविधि भी अब कम हो गई हैं। जिस कारण लावापानी पर्यटन स्थल के रूप में विकसित हो पाया। लावापानी पहाड़ों के बीच बहुत मनोरम दृश्य खुद में छुपा के बैठा है, चाहे पेशरार की घाटी हो या रास्ते में एक छोटा सा केकरांग जलप्रपात। लोहरदगा से शुरू हुई यह यात्रा रोमांच से भरपूर है। आज भी यह क्षेत्र और लावापानी खुद में समृद्धि होने के बाद भी पूरी तरह से विकसित नहीं हो पाया है, यहां के लोग इसे राज्य के मशहूर पर्यटक स्थल के रूप में देखना चाहते है। और इसकी सुन्दरता को अगर देखा जाय तो यह जलप्रपात खुद में मनोरम दृश्यों को समाऐ बैठा है।
अगर आप को भी पहाड़ों, घाटियां, नदियां, जंगल और झरना जैसी प्रकृति से प्रेम है घूमने का शौक रखते है तो एक बार लोहरदगा जिले का यह जलप्रपात का सैर कीजिए यह आपको कभी निराश नहीं करेगा।

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