आशीष कुमार
ऐसा देखा जाता है कि जिन लोगों के पास तालाब नहीं है और वह मछली पालन करने के लिए बहुत अधिक इच्छुक है। उनके पास एक बड़ी समस्या तालाब की व्यवस्था करना है । उन्हें समझ में नहीं आता है कि तालाब की व्यवस्था कैसे होगी ऐसे में उन्हें जानना चाहिए कि पूरे राज्य में लगभग 16719 सरकारी तालाब है। जिनकी बंदोबस्ती 3 वर्षों के लिए प्रखंड स्तरीय मत्स्य जीवी सहयोग समितियों के साथ की जाती है, परंतु यदि समितियां सक्षम नहीं है अथवा लेने के लिए इच्छुक नहीं है तो वैसी स्थिति में खुले डाक के द्वारा तालाबों की बंदोबस्ती की जाती है। इसका लाभ उठाकर किसान भाई सरकारी तालाबों की बंदोबस्ती डाक बोलकर 3 वर्षों के लिए ले सकते हैं। इसके अलावा पूरे झारखंड राज्य में लगभग 116305 निजी क्षेत्र में तालाब है जिनमें कुछ तालाब सामुदायिक है तो कुछ तालाब निजी स्वामित्व में है।
यदि किसान भाई अपने गांव के आसपास उपलब्ध तालाबों की जानकारी प्राप्त कर उनकी बंदोबस्ती ले ले तो तालाब की समस्या दूर हो सकती है। इसके अतिरिक्त नए तालाब बनाने के लिए राज्य सरकार की योजना चल रही है जिसमें प्रति एकड़ 500000 की लागत पर 70% अनुदान की व्यवस्था है और अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के सदस्यों के लिए 80% अनुदान की व्यवस्था है। इस योजना का भी लाभ उठाया जा सकता है। इसके अतिरिक्त प्रधान मंत्री मत्स्य संपदा योजना के द्वारा भी नए तालाब निर्माण की योजना दी जा रही है। इसमें प्रति हेक्टेयर 700000 की योजना पर 40% अनुदान दिया जाएगा तथा अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति तथा महिला सदस्यों को 60% अनुदान दिया जाएगा ।
नया तालाब निर्माण का लाभ लेने के लिए एक बहुत ही महत्वपूर्ण दस्तावेज भूमि स्वामित्व प्रमाण पत्र है जो अंचल अधिकारी के कार्यालय से प्राप्त होता है, उसके बिना योजना की स्वीकृति असंभव है। किसान भाई ऊपर बताए गए तालाबों की उपलब्धता और नया तालाब निर्माण की योजनाओं का लाभ उठाकर तालाब की समस्या का समाधान आसानी से कर सकते हैं और मछली पालन प्रारंभ कर सकते हैं।
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लेखक सेवानिवृत्त उपनिदेशक (मत्स्य विभाग) हैं Ph. 9430783037 email: coomar2012@gmail.com