नौसेना के सेवानिवृत जहाज आइएनएस विराट को गुजरात के अलंक ले जाया जा रहा है ताकि उसे तोड़ा जा सके। गुजरात का अलंग देश विदेश के जहाजों को तोड़ने के लिये ही प्रसिद्ध है।
हाल में पर्यावरण के प्रति सजगता बढी है ऐसे में कई हलकों से यह सवाल भी उठाया जा रहा है कि क्या अलंग में जहाजों को तोड़ने से लोगों आर वहां के पर्यावरण पर बुरा असर पड़ रहा है? इसकी जांच की भी मांग की गयी थी। जांच के बादकेंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) के समक्ष गुजरात के अलंग में जहाज को तोड़ने (शिप ब्रेकिंग) के तरीकों के पर्यावरणीय प्रभाव पर एक रिपोर्ट प्रस्तुत की। 17 सितंबर, 2020 की यह रिपोर्ट 19 अगस्त, 2019 के एनजीटी के आदेश के अनुपालन में प्रस्तुत की गई।
रिपोर्ट में कहा गया है कि सामान्य तौर पर, अलंग के तटीय जल की पारिस्थितिकी भावनगर और दहेज के आसपास के क्षेत्र के समान देखी गई और इसकी तुलना अलंग क्षेत्र में 2007-08 के पहले के अध्ययनों से की गई। पानी की गुणवत्ता, तलछट की गुणवत्ता और जैविक विशेषताओं पर जहाज तोड़ने की गतिविधियों का प्रतिकूल प्रभाव, पेट्रोलियम हाइड्रोकार्बन (पीएचसी) और कुछ धातुओं के उच्च सांद्रता को दर्शाने वाले एक निश्चित अंतज्र्वारिय (इंटरडाइडल) क्षेत्र को छोड़कर अधिक नहीं था।
फाइटोप्लांकटन और ज़ोप्लांकटन में प्राकृतिक परिवर्तनशीलता दिखाई दी और जहाज तोड़ने की गतिविधियों से ये प्रभावित नहीं दिखे। इंटरटाइडल मैक्रोबॉन्थिक फॉना पर जहाज-ब्रेकिंग गतिविधियों का अलंग में स्थानीय प्रभाव देखा गया। जैव संचय के परिणाम बताते हैं कि लोहा (एफई ) को छोड़कर सभी धातुओं की एकाग्रता मानव उपभोग के लिए तय मानकों के अंदर पाए गए।
रिपोर्ट में सिफारिश की गई है कि अलंग की पारिस्थितिकी पर जहाज तोड़ने की गतिविधियों के प्रभाव की पुष्टि करने के लिए, दीर्घकालिक निगरानी आवश्यक है। रिपोर्ट में कहा गया है कि सुरक्षा, स्वास्थ्य और पर्यावरण के संबंध में शिप रिसाइकिलिंग यार्ड में महत्वपूर्ण सुधार देखे गए।
जहाज तोड़ने वाले अधिकांश श्रमिकों की क्षेत्र में रहने की सुविधा, बुनियादी ढांचे और स्वच्छता के संबंध में ठीक नहीं थे। हालांकि लगभग 70 फीसदी रीसाइक्लिंग यार्डों ने ग्रीन श्रेणी के प्रमाण पत्र प्राप्त करने के लिए हांगकांग कन्वेंशन (एचकेसी) के अनुपालन को अपनाया है, प्रदूषण को कम करने और सुरक्षा को बढ़ाने के लिए कई यार्डों को अपग्रेड करने की आवश्यकता है।
कई जानकारों का कहना है कि चीन ने जहाज तोड़ने के व्यवसाय पर एकाधिकार के लिये भी यहां अलंग का मुद्दा उठाया था जबकि अलंग हजारों लोगों को रोजगार देता है।