प्रतिमा प्रिया
यूजी इंटर्न, स्कूल ऑफ मास कम्युनिकेशन
रांची विश्वविद्यालय,रांची
आज जब कई भारतीय राज्य भयावह गर्मी की स्थिति में त्राहिमाम त्राहिमाम कर रहे हैं , शुक्रवार 6 जून 2024 को झारखंड की राजधानी रांची, पलामू और राजमहल समेत राज्य के सभी हिस्सों में वट सावित्री पूजन का पर्व धूमधाम से मनाया गया।पहाड़ी मंदिर सहित विभिन्न मंदिरों में भी सुहागिन महिलाओं ने पूजा-अर्चना कर वट सावित्री की कथा सुनी और भगवान की आरती कर उनका आशीर्वाद लिया।
वैसे तो यह साधारण त्योहार है परंतु इसके एक दिन पहले ही मनाया गया पर्यावरण दिवस इस त्योहार का मान और भी बढ़ा देता है।वृक्ष, प्रकृति के अनमोल रत्न हैं। वे न केवल हमारे जीवन के लिए आवश्यक ऑक्सीजन प्रदान करते हैं, बल्कि पर्यावरण को संतुलित रखने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। भारतीय समाज में वृक्षों का हमेशा से विशेष महत्व रहा है।
वटवृक्ष का धार्मिक महत्व
इस त्योहार में पूजा जाने वाला बरगद का पेड़, अपनी विशाल छाया और शक्तिशाली जड़ों वाला, न केवल प्रकृति का अद्भुत चमत्कार है, बल्कि भारतीय धर्म और संस्कृति में भी इसका गहरा धार्मिक महत्व है।
हिंदू धर्म में, बरगद का पेड़ ‘अक्षय वृक्ष’ और ‘वट वृक्ष’ के नाम से जाना जाता है। इसे अमरता, ज्ञान और मोक्ष का प्रतीक माना जाता है। माना जाता है कि भगवान ब्रह्मा, विष्णु और महेश बरगद के पेड़ में निवास करते हैं।वेदों, पुराणों और रामायण, महाभारत जैसे महाकाव्यों में बरगद के पेड़ का उल्लेख मिलता है।
बरगद के पेड़ के नीचे विवाह, यज्ञ, और अन्य धार्मिक अनुष्ठान किए जाते हैं।बौद्ध धर्म में भी बरगद का पेड़ ‘बोधि वृक्ष’ के नाम से जाना जाता है जिस कारण इसे ध्यान और समाधि के लिए एक आदर्श स्थान माना जाता है।
भारतीय धरोहर वृक्ष बरगद : पर्यावरण का साथी
बरगद का पेड़ न केवल धार्मिक महत्व रखता है, बल्कि यह पर्यावरण के लिए भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह विशालकाय वृक्ष अपने घने पत्तों से एक प्राकृतिक वातानुकूलन इकाई की तरह काम करता है। वातावरण को गर्म करने वाली सूर्य की किरणें इसके पत्तों से होकर कमजोर होकर जमीन तक पहुंचती हैं, जिससे आसपास का तापमान कम रहता है। साथ ही, बरगद वातावरण से हानिकारक कार्बन डाइऑक्साइड को सोखकर जीवनदायी ऑक्सीजन का उत्सर्जन करता है, जिससे वायु शुद्ध होती है। इसकी जड़ें मिट्टी के कटाव को रोकता है और बाढ़ के दौरान मिट्टी को बहने से बचाता है। इसके अलावा, बरगद का पेड़ पक्षियों, कीट-पतंगों और छोटे जानवरों के लिए आश्रय स्थल का काम करता है, जिससे जैव विविधता को बनाए रखने में मदद मिलती है। संक्षेप में, बरगद का पेड़ प्रकृति का एक अनमोल रत्न है, जो स्वच्छ वायु, शीतल वातावरण और समृद्ध जैव विविधता प्रदान कर पर्यावरण को संतुलित रखता है।
हालांकि बरगद का पेड़ एक बहुत ही सख्त पेड़ है, लेकिन वनों की कटाई और शहरीकरण के कारण इनका अस्तित्व खतरे में है। हमें बरगद के पेड़ों की रक्षा करनी चाहिए और अधिक से अधिक बरगद के पेड़ लगाने चाहिए।