बढ़ते प्रदूषण पर किसी का रोक नहीं , लोगों को अब धरती पर रहना हो रहा मुश्किल

खुशबू, पीजी इंटर्न

स्‍कूल ऑफ मास कम्‍युनिकेशन

रांची विश्‍वविद्यालय, रांची

 

पूरे देश दुनिया में प्रदूषण एक बड़ी समस्या बन के धीरे-धीरे सामने आ रहा है। इसके कई दुष्प्रभाव आज देश दुनिया के सामने है। इसके बावजूद भी लोग संभलने का नाम नहीं ले रहे हैं। लगातार लोग आंखें बंद कर कबूतर जैसी स्थिति में बैठे हुए हैं। कबूतर के आंख बंद कर लेने से जैसे शिकारी शिकार करने से नहीं चूकता है वैसे ही हमारी आंखें बंद कर लेने से प्रदूषण नहीं रुकने वाला है। बढ़ती प्रदूषण ग्लोबल वार्मिंग को लेकर देश दुनिया में कई राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित किए जाते हैं। सम्मेलन में कई तरह की योजनाएं रखी जाती हैं। लेकिन धरातल पर सही से अभी तक कुछ नजर नहीं आ रहा है।दुनिया की छोड़े हम भारत की बात करें तो भारत की राजधानी नई दिल्ली के बारे में सबको पता है कि वहां प्रदूषण के कारण सांस लेना दूभर हो गया हैं।

दिल्ली से भी अगर हम नजरे हटा ले अपने राज्य झारखंड की राजधानी रांची की बात करें तो आज रांची भी प्रदूषण के दुष्प्रभाव से बच नहीं सका है। राजधानी रांची प्रदूषण से अस्त व्यस्त है बढ़ते प्रदूषण के कारण राजधानी रांची का गर्मियों के दिनों का टेंपरेचर लगातार बढ़ते जा रहा है। कुछ वर्षों तक गर्मियों के दिन में कुल्लू मनाली का अनुभव देने वाला रांची का 40 से लेकर 45 डिग्री पर आ पहुंचा है। कारण कई है जिनमें प्रमुख रूप से स्मार्ट सिटी के नाम पर धड़ाधड़ पेड़ों की कटाई हो या फिर राजधानी रांची में कंक्रीटो का बन रहा जाल।हमारे द्वारा हरमू और स्वर्णरेखा नदी को गंदा नाला बनाने के बाद राजधानी रांची के हृदय में बसने वाले बड़ा तलाव प्रदूषण के कारण कराह रहा है। आज बड़ा तालाब का पानी इतना जहरीला हो गया है कि इसके आसपास रहने वाले लोग या फिर बड़ा तालाब के आसपास से गुजरने वाले लोग इसके पानी के बदबू को बर्दाश्त नहीं कर पा रहे हैं। इसका सीधा-सीधा कारण है बड़ा तालाब के पानी में बड़े कल कारखाने अस्पतालों के गंदे पानी का मिश्रण जिसको बड़े-बड़े दावों के बावजूद रोक नहीं जा सका है। वैसे बता दे की इस तालाब की सारी मछलियां पहले ही मर चुकी है।राजधानी रांची के कुछ दूर झिरी की ओर चले तो आपको उस रास्ते पर 1 मिनट खड़ा होना मुहाल हो जाएगा। पूरे राजधानी के कचरो को डंप कर यहां के महा मानव द्वारा अप्राकृतिक कचडो का पहाड़ बना दिया गया है।उससे आगे चले तो और रांची के आसपास जो फाल्स हैं जहां लोग घूमने जाते हैं। उन सभी फाल्स के आसपास आपको मानव द्वारा फैलाए गए कचरा दिख जाएंगे। राजधानी रांची की एयर क्वालिटी इंडेक्स भी दिन-ब-दिन खराब होते जा रहा है लोगों को सांस लेने में भी समस्याएं उत्पन्न होने लगी है। आने वाले दिनों में अगर हम नहीं सुधरे तो स्थिति दयनीय होने से कोई नहीं रोक सकता है।

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