अमित कुमार महतो
पीजी इंटर्न, स्कूल ऑफ मास कम्युनिकेशन
रांची विश्वविद्यालय, रांची
डेस्क (अमित कुमार महतो) आदिवासी परंपरा में महुआ का रोल बहुत ही महत्वपूर्ण है। कहा जाता है कि जब भोजन की समस्या आती थी तो आदिवासी समाज महुआ के फूल-फल को खाकर अपना जीवन गुजारते थे। झारखंड में आदिवासी समाज के लोग ज्यादातर खाने में महुआ का प्रयोग करते हैं। महुआ का पेड़ सर्वगुण संपन्न है। इसके फूल का रस ताकत देता है। आयुर्वेद ने महुआ को विशेष माना है। महुआ खाने से हीमोग्लोबिन का स्तर बढ़ता है। पेट का अल्सर समेत अन्य रोग भी इसका सेवन करने से ठीक होते हैं। ऐसे में आज हम जानेंगे कि इसे खाने से क्या नुकसान और फायदे होते हैं।
महुआ फल औषधीय गुणों से भरपूर होता है। महुआ फल का सेवन करने से कई स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं भी दूर होती हैं। महुआ में प्रोटीन, फैट, आयरन, फास्फोरस, कैल्शियम, कार्बोहाइड्रेट जैसे तत्व पाए जाते हैं, जो स्वास्थ्य के लिहाज से काफी फायदेमंद साबित होते हैं। गुणों की बात करें तो मधुमेह से पीड़ित लोगों को महुआ लाभ पहुंचाता है। इसकी पत्तियों का अर्क भी शुगर को कंट्रोल करता है। दूध और महुआ का मिश्रण उच्च रक्तचाप को रोकने में भी सहायता करता है।
महुआ का अधिक मात्रा में सेवन करना हमारे लिए हानिकारक भी हो सकता है।क्योंकि, अगर आप ब्लड शुगर लेवल कम करने की दवा का सेवन करते हैं तो आपको महुआ का सेवन करने से बचना चाहिए।महुआ का अधिक मात्रा में सेवन करने से इंफर्टिलिटी की परेशानी भी हो सकती है। वहीं, कुछ लोगों को महुआ में मौजूद किसी तत्व से एलर्जी भी हो जाती है। ऐसे में इसका सेवन करने पर सांस लेने में दिक्कत, त्वचा चकत्ते विकसित होना, खुजली या जलन जैसी समस्याएं विकसित हो सकती हैं।