श्वेता कुमारी
इंटर्न,स्कूल आफ मास कम्युनिकेशन,रांची विश्वविद्यालय, रांची
अयोध्या नाम लेने से हम सबके मन में सीधे भगवान राम की जन्मभूमि का खयाल आता है, पर क्या हम जानते हैं कि बंगाल में भी एक अयोध्या पहाड़ है, जो कि पुरुलिया जिले में अवस्थित है। अगर हम भौगोलिक रूप से देखें, तो झारखंड के छोटानागपुर के पठार का पूर्वी हिस्सा इसी जिले में जाकर खत्म होता है। झारखंड में तो वैसे बहुत सारे पर्यटन स्थल हैं, पर झारखंड से सटे बंगाल के अयोध्या हिल्स का भी एक पर्यटन स्थल के रूप में नाम लिया जाता है। झारखंड की राजधानी रांची से हम आयोध्या हिल्स के लिए मूरी और “झालदा” के रास्ते से होकर जा सकते हैं। रांची से अयोध्या हिल्स के लिए हम इन सभी मार्ग से जा सकते हैं जैसे NH 43: यह मार्ग रांची से पुरुलिया जाता है, और फिर पुरुलिया से NH 18 तक पहुंचता है। । यहां हम प्राकृतिक रोमांच, घाटियों, झरनों, और जंगली जीवन का आनंद ले सकते हैं। इसके अलावा, यहां कई पारंपरिक और स्थानीय उत्सव भी मनाए जाते हैं जो स्थानीय संस्कृति और रंगमंच का प्रदर्शन करते हैं। इस स्थान पर आने वाले पर्यटकों को प्राकृतिक सौंदर्य और स्थानीय जीवन का आनंद लेने का मौका मिलता है। अयोध्या हिल्स के अंदर विभिन्न पर्यटन स्थल हैं जो आपको आकर्षित कर सकते हैं। यहां पर कुछ प्रमुख पर्यटन स्थल है पांचकोट गढ़: प्राचीन किला , पुंटी झरना ,अयोध्या तलाब, माचना (प्राचीन गुफा), संथाल पहाड़ (यहां पर आप संथाल समुदाय की संस्कृति, गाना, और नृत्य का आनंद ले सकते हैं ), आयोध्या श्री राम मंदिर ,अयोध्या हिल्स में पिकनिक के दिनों में भीड़ होना सामान्य है, लेकिन इससे होने वाली गंदगी, शोर और उपेक्षा की समस्याएं बढ़ सकती हैं। सरकार को भीड़ को नियंत्रित करने और पर्यावरण को संरक्षित रखने के लिए उपाय देने की आवश्यकता है। अयोध्या हिल्स को एक पर्यटन स्थल के रूप में हमेशा विकसित और विराजमान रखना बहुत महत्वपूर्ण है। इसके लिए सुसंगत पर्यावरणीय और सामाजिक उपायों के साथ-साथ संचार और प्रबंधन के उपायों की भी आवश्यकता है।