रांची संवाददाता : उदय कांत कुजूर
भारत में शिक्षक दिवस सर्वप्रथम 5 सितंबर 1962 को डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन के 77 वें जन्मदिन पर मनाया गया था । वह भारत रत्न प्राप्तकर्ता थे पहलें उपराष्ट्रपति और स्वतंत्र भारत के दूसरे राष्ट्रपति थे ।उनका जन्म 5 सितंबर , 1888 को हुआ था डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्मदिन पर ही 5 सितंबर को शिक्षक दिवस मनाया जाता हैं और शिक्षक दिवस प्रत्येक वर्ष 5 सितंबर को शिक्षकों को सम्मानित करने , जश्न मनाने और पहचानाने के लिए पुरे देश में मनाया जाता हैं । भारत के सबसे महान शिक्षक और विद्वान डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन थे ।
शिक्षक छात्रों के लिए भगवान का रूप होता हैं शिक्षक गुरू के रूप में , छात्रों को भविष्य का मार्ग दर्शन कराते हैं और शिक्षक भविष्य के नेताओं में ढाल सकते हैं जो भारत की नियति को आकार दे सकता हैं । करियर और व्यवसाय में सफल होनें में हमारी मदद करने में वे हमारे जिवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं । और शिक्षक हमें अच्छे इन्सान , समाज के बेहतर सदस्य और देश के आर्दश नागरिक बनने में मदद करते हैं शिक्षक हमें चुनौतियों और कठिनाइयों का सामना करने के लिए सिखाते हैं ।
शिक्षक दिवस एक ऐसा आयोजन है जिसके लिए छात्र और शिक्षक समान रूप से तत्पर रहते हैं । यह दिन छात्रों के लिए महत्वपूर्ण होता हैं क्योंकि उन्हें अपने शिक्षकों द्वारा उचित शिक्षा सुनिश्चित करने के लिए किए गए प्रयासों को समझने का मौका देते हैं । और शिक्षक भी शिक्षक दिवस समारोह के लिए तैयार रहते है । और छात्र 5 सितंबर के दिन शिक्षकों को पुजते है और भागवान के रूप में सम्मानित करते हैं।
शिक्षा का परिणाम एक मुक्त रचनात्मक व्यक्ति होना
चाहिए जो ऐतिहासिक परिस्थितियों और प्राकृतिक
आपदाओं के विरूद्ध लड़ सके . । ।
सच्चा गुरू वो है जो हमें खुद के बारे में सोचने में मदद करता हैं।