रांची संवाददाता : उदय कांत कुजूर
झारखंड में बारिश की कमी होनों के कारण धान की खेती करने वाले किसानों को हुआ काफी नुकसान । बड़े किसान धान की खेती कर के अच्छा उत्पादन होने से इसे बजारों में बेचकर कमाई करते है। और छोटे किसान धन के खेती करके अपने घर चलाने के लिए रखते थे । इस बार खेती नही होने से बडे किसान और छोटे किसान दोनों नराज हैं। क्योकि बडे किसान और छोटे किसान की आर्थिक स्थिति खराब हो सकती है।
झारखंड के किसान ज्यादा तर खेती पर आश्रित है जो कि इस वर्ष झारखंड में धान का खेती नही हुआ है। इस वर्ष मॉनसून के फेल होने के कारण किसानों को काफी नुकसान हुआ है। खास कर किसान इस बार धन की खेती नहीं पाए है। इस धान के खेती से कमाई करने वाले किसानों कि आर्थिक नुकसान हुआ है। क्योंकि झारखंड में ज्यादा तर किसान बारिश के पानी पर ही निर्भर रहतें है।
झारखंड के किसान खेती करके अपने बच्चों को पढ़ते हैं जो कि धन को बेच कर अपने बच्चों की पढ़ाई का खर्च चलाते हैं और उसी से घर का खर्च भी चलाते है। इस बार किसानों को परेशानी हो जाएगी । यह चिंता किसानों को परेशान कर रही हैं। आखिर किसान करे तो क्या करे घर का खर्च उठाएं या बच्चों का पढ़ाई का खर्च यह चिंता किसानों को परेशान कर रही हैं। इस वर्ष किसानों को आर्थिक संकट हो सकती हैं। इसलिए छोटे किसान अपने घर को चलाने के किए बाहर जा रहें हैं। इसी तरहा बारिश नही होनें से किसानों की जिंदगी में संकट आती हैं। इसी कारण से किसानों की आर्थिक आय बड़ नही पाती है।
जिस वर्ष किसानों का फसल अच्छी होती हैं तो उस वर्ष अनाज का भाव बजार में नही रहता हैं। और किसान सरकारी फैक्स में अनाज को बेचता है तो 4 महिना बाद किसानों को पैसा दिया जाता है क्योंकि छोटे किसान को काफी नुकसान होता है इस तरहा के स्थिति से किसानों की आर्थिक आय बड नही पाती है। जिसे किसानों को जिंदगी में संकट का सामना अधिक करना पडता है।