अधिनियम की मुख्य विशेषताएं
- इस अधिनियम में एपीएमसी मंडी परिसरों के बाहर के क्षे्त्र को व्यापार क्षेत्र कहा गया है।
- कोई भी व्यापारी जिसके पास पैन कार्ड हो वह व्यापार क्षेत्र में किसी भी किसान अथवा किसी अन्य व्यापारी के साथ व्यापारिक लेन देन कर सकता है।
- किसी भी राज्य एपीएमसी अधिनियम या किसी अन्य राज्य कानून के तहत किसी भी किसान या व्यापारी से व्यापार क्षेत्र में व्यापार और वाणिज्य के लिये कोई बाजार शुल्क या उपकर नहीं लिया जायेगा।
- जहां तक किसान को भुगतान का सवाल है यह उसी दिन या अधिकतम तीन कार्य दिवसों के भितर किया जाना है।
- किसान को भुगतान सुनिश्चित करने के लिये यह प्रावधान है कि देय भुगतान राशि का उल्लेख करने वाली डिलीवरी की रसीद उसी दिन किसान को दी जायेगी।
- किसान को मूल्य वृद्धि और तदनुसार प्रीमीयम मूल्य भुगतान को ध्यान में रखते हुये एफपीओ और कृषि सहकारी समितियों के लिये अलग-अलग भुगतान तंत्र हो सकता है।
- एफपीओ सहकारिता समूह या कॉरपोरेट आदि इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग और लेन देन प्लेटफॉर्म स्थापित और संचालित कर सकते हैं। इससे इ- ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म्स के बीच पारदर्शिता और प्रतिस्पर्द्धा को बढावा मिलेगा एवं किसान तकनी क का प्रयोग कर के अपनी उपज इलेक्ट्रानिक प्लेटफॉर्मों के माध्यम से पारदर्शी तरीके से घर बैठे देश में कहीं भी बेच सकते हैं।
- कृष्क उपज के लिये मूल्य सूचना प्रणाली विकसित की जायेगी और रूपरेखा तैयार की जायेगी ताकि मूल्य सूचना विषमता को दूर किया जा सके और किसान को एक सही निर्णय लेने में मदद मिल सके।
विवाद समाधान किसानों के हित में
- नयी व्यवस्था में किसानों के हित का विशेष ध्यान रखा गया है। यदि उसका व्यापारी के साथ किसी भी प्रकार का विवाद होता है तो वे दोनों आपस में सुलह के माध्यम से विवाद निपटा उपखंड अधिकारी के माध्यम से एक सुलह बोर्ड स्थापित कराना है जो तीस दिन के अंदर विवाद को निपटायेंगे और फैसला दोनों पक्षों पर बराबर लागु होगा। यदि किसी कारण वश विवाद नहीं सुलझता है तो किसान तालुका/तहसील/उपखंड स्तर पर ही उपखंड प्राधिकारी को प्रार्थना पत्र दे सकते हैं जो तीस दिन के अंदर विवाद का निबटान करेगा। उपखंड प्राधिकारी विवादाधीन रकम की वसूल एवं विवादग्रस्त व्यापारी को व्यापार कार्य को करने से अवरूद्ध करने का आदेश पारित कर सकेगा।
- इस अधिनियम के अंतर्गत यदि व्यापारी की गलती की दशा में सुलह बोर्ड में समाधान नहीं करता है तो विवाद उपखंड अधिकारी के स्तर पर निस्तारण होने को आता है तो किसी उपबंध का उल्लंघन करने वाले किसी व्यापारी पर जुर्माना लगाया जायेगा। जो पच्चीस हजार रूपये से कम नहीं होगा तथापि उसे बढा कर पांच लाख रूपये किसा जा सकता है और इसका अनवरत उल्लंघन करने पर प्रतिदिन पांच हजार रूपये तक जुर्माना लगाया जायेगा।
- कृषक उत्पादक संगठनों (एफपीओ) के लिये विशिष्ट प्रावधान
- सरकार ने छह हजार करोड़ से अधिक का प्रावधान करके किसान उत्पादक संगठनों यानि एफपीओ को बनाने की भी योजना लागु की हुयी है। जिसके माध्यम से छोटे एवं मझोले किसान एक साथ मिल कर नयी तकनीकों को अपना कर उत्पादकता बढाने के साथ- साथ अपनी उपज एफपीओ के माध्यम से अधिक मूल्य पर बेंच सकते हैं। ये एफपीओ किसानों की उपज का मूल्यवर्द्धन एवं प्रोसेसिंग करके अधिक मूल्य दिलाने में भी मददगार साबित होंगे। व्यापार क्षेत्र में व्यापार करने के लियसे कृष्क उत्पादन संगठनों (एफपीओ) अथवा कृषि सहकारी समितियों के लिये पैन कार्ड की भी आवश्यकता नहीं है।
- एफपीओ और कृषि सहकारी समितियां भी इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग और लेन देन प्लेफॉर्म स्थापित और संचालित कर सकती हैं।
एमएसपी खरीद जारी है और जारी रहेगी
हम किसान भाइयों एवं बहनों को यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि एमएसपी खरीद भारत सरकार की प्राथमिकता में जारी रहेगी। कृषि उपज की एमएसपी खरीद राज्य एजेंसियों के माध्यम से जारी रहेगी। इस नीति में कोई बदलाव नही हुआ है । राज्य एमएसपी केंद्र /उपकेंद्रो को प्राक्योरमेंट बिंदू घोषित कर सकता है।
एपीएमसी मंडियां प्रमुख विपणन चैनलों के रूप में काम करती रहेंगी
इस किसान हितैषी अधिनियम से एपीएमसी मंडियों की व्यवस्था एवं उसके काम काज में कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा बल्कि इससे हमारे देश के किसान भाइयों एवं बहनों को उनका अधिकार दिया गया है कि वो चाहें तो एपीएमसी मंडियों में जाके या एपीएमसी मंडियों के बाहर अपना कर देना चाहता हूं कि मंडी के बाहर नयी व्यवस्था में न तो किसी भी प्रकार का शुल्क कर या कमीशन लगेगा और न ही किसान और खरीददार के बीच में किसी भी प्रकार के बिचौलिये काम करेंगे।
- सरकार ने किसानों के लिये फार्म गेट इंफ्रास्ट्रक्चर के लिये एक लाख करोड़ रूपये का कृषि अवसंरचना कोश प्रारंभ किया है इससे हमारे ग्रामीण क्षेत्रों में कृषक समुदाय के द्वार पर बुनियादी ढांचा बनाने में मदद मिलेगी व कृषि वस्तुओं का मूल्यवर्द्धन होकर बेहतर मूल्य की प्राप्ति होगी। एफपीओ प्राथमिक कृषि कॉरपोरेटीव समितियों कृषि उद्यमी और स्टार्ट्अप्स भी इस सुविधा का लाभ ले सकेंगे।
किसानों के लिये लाभ
- किसानों और विक्रेताओं को व्यापार क्षेत्र में खरीद एवं बिक्री करने के लिये विकल्प चुनने की स्वतंत्रता
- लेन देने की लागत समय और फसलोपरांत नुकसानों में कमी
- मध्यस्थता को कम करते हुये किसानों के साथ प्रसंस्करणकर्ताओं निर्यातकों संगठित खुदरा विक्रेताओं को जोड़ना।
- इस नये कानून के माध्यम से गांव एवं खेत खलिहान के नजदीक ही सीधी खरीद व्यवस्था होने के कारण प्रोसेसर्स निर्यातक एवं अन्य कृषि से संबंधित उद्योग धंधे स्थापित होंगे जिससे किसानों को अपनी उपज का लाभकारी मूल्य प्राप्त कर आय में सुधार हेागा।
- एपीएमसी मंडियों के अतिरिक्त व्यापार क्षेत्र में व्यापार के लिये फार्म गेट कोल्डस्टोरेज वेयर हाउस, प्रसंस्करण इकाइयों आदि जैसे अतिरिक्त चैनलों का निर्माण।
- देश में प्रतिस्पर्द्धी डिजिटल व्यापार के जरिये व्यापार संबंधी लेन देन की पारदिर्शता में सुधार, ग्रामीण युवाओं के लिये रोजगार के अधिक अवसर पैदा होंगे