लोध जलप्रपात: झारखण्ड में छुपा है प्रकृति का एक अनोखा खज़ाना

शुभमिता विश्वास,

पीजी इंटर्न, स्कूल ऑफ मास कम्युनिकेशन,

रांची विश्वविद्यालय, रांची

लातेहार, झारखंड : यह झारखंड राज्य के लातेहार जिले में स्थित एक प्रमुख प्राकृतिक आकर्षण है। यह जलप्रपात नेतरहाट के पास स्थित है और झारखंड-छत्तीसगढ़ सीमावर्ती क्षेत्र लातेहार जिले में है। यह झार खंड का सबसे ऊंचा जलप्रपात है. नाम है लोध जलप्रपात या बूढ़ा घाघ जलप्रपात. यह जलप्रपात बुरहा नदी पर स्थित है। लोध जलप्रपात को  जलप्रपात’ भी कहा जाता है। इसकी ऊंचाई लगभग 143 मीटर (468 फीट) है, जो इसे झारखंड का लातेहार सबसे ऊंचा जलप्रपात बना अपने अद्वितीय सौंदर्य और प्राकृतिक शांति के लिए प्रसिद्ध है।  जलप्रपात का वातावरण अत्यंत शांतिपूर्ण और सुरम्य है। यहां की हरियाली, ऊंचे-ऊंचे पेड़, और चारों ओर फैली हुई पहाड़ियां इसे एक आदर्श पिकनिक स्थल बनाती हैं। जलप्रपात के आसपास के क्षेत्र में कई छोटे-छोटे झरने भी हैं, जो इसे और भी आकर्षक बनाते हैं। यहाँ की वन्यजीवन भी अत्यंत विविधतापूर्ण है, जिसमें विभिन्न प्रकार के पक्षी, तितलियाँ, और अन्य जीव जंतु शामिल हैं।लोध जलप्रपात तक पहुँचने के लिए पर्यटकों को नेतरहाट से होकर गुजरना पड़ता है, जो खुद भी एक प्रसिद्ध हिल स्टेशन है। नेतरहाट से लोध जलप्रपात की दूरी लगभग 60 किलोमीटर है। इस यात्रा के दौरान पर्यटक झारखंड के घने जंगलों, पहाड़ियों और घाटियों का अद्भुत दृश्य देख सकते हैं। सड़क मार्ग से यहाँ पहुँचने का अनुभव खुद में एक रोमांचक यात्रा होती है।

लोध जलप्रपात का जल प्रवाह मानसून के दौरान अपने चरम पर होता है, जब बुरहा नदी में जल स्तर बढ़ जाता है। इस समय जलप्रपात की खूबसूरती अपने सर्वोच्च स्तर पर होती है। हालांकि, पर्यटकों को मानसून के दौरान सतर्क रहने की सलाह दी जाती है, क्योंकि बारिश के कारण रास्ते फिसलन भरे हो सकते हैं।पर्यटन की दृष्टि से, लोध जलप्रपात का विकास सरकार और स्थानीय प्रशासन द्वारा किया जा रहा है। यहां पर पर्यटकों की सुविधा के लिए विश्राम गृह और छोटे-मोटे रेस्तरां भी उपलब्ध हैं। स्थानीय लोग भी पर्यटकों की मदद और मार्गदर्शन करने में संकोच नहीं करते।लोध जलप्रपात न केवल अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए बल्कि झारखंड की सांस्कृतिक धरोहर के रूप में भी महत्वपूर्ण है। यह स्थान स्थानीय जनजातियों के लिए एक पवित्र स्थल माना जाता है और यहाँ समय-समय पर विभिन्न सांस्कृतिक और धार्मिक आयोजनों का भी आयोजन होता रहता है।कुल मिलाकर, लोध जलप्रपात झारखंड के पर्यटन स्थलों में एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है। इसकी प्राकृतिक सुंदरता, शांति, और सांस्कृतिक महत्व इसे एक अद्वितीय पर्यटन स्थल बनाते हैं। यह जलप्रपात न केवल प्रकृति प्रेमियों बल्कि साहसिक यात्रियों के लिए भी एक आदर्श गंतव्य है।

 

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